Chandrayaan-3: दो हिस्सों में बंटा चंद्रयान-3! विक्रम लैंडर हुआ प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग, आगे क्या होगा? जानें
भारत का तीसरा मून मिशन (Chandrayaan-3) एक और अहम पड़ाव को पार करके आगे बढ़ गया है। चंद्रयान-3 के साथ गया विक्रम लैंडर जिसे लैंडर मॉड्यूल भी कहते हैं (LM), वह प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। लैंडर अब मिशन पर खुद आगे बढ़ेगा। इसरो ने बताया है कि कल शाम 4 बजे यह थोड़ी निचली कक्षा में उतरने की कोशिश करेगा।
एक और ट्वीट में भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने बताया है कि विक्रम लैंडर से अलग होने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल अपनी मौजूदा कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा करता रहेगा। यह महीनों से लेकर वर्षों तक अपना सफर जारी रखेगा।
भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3
(Chandrayaan-3) एक और अहम पड़ाव को पार करके आगे बढ़ गया है। चंद्रयान-3 के साथ गया विक्रम लैंडर जिसे लैंडर मॉड्यूल भी कहते हैं (LM), वह प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। लैंडर अब मिशन पर खुद आगे बढ़ेगा। इसरो ने बताया है कि कल शाम 4 बजे यह थोड़ी निचली कक्षा में उतरने की कोशिश करेगा।
14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। उसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में बदलाव कर उसे चांद के करीब ले जाया गया था। योजना के अनुसार, चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
इसरो को पूरी उम्मीद है कि यह मिशन सफल होगा
इसरो को पूरी उम्मीद है कि यह मिशन सफल होगा। लैंडर ‘विक्रम’ को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बड़ी गड़बड़ी भी मिशन को बर्बाद नहीं कर पाएगी। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ कह चुके हैं कि चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ करने में सक्षम होगा, भले ही इसके सभी सेंसर और दोनों इंजन काम न करें।
14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। उसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में बदलाव कर उसे चांद के करीब ले जाया गया था। योजना के अनुसार, चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।
इसरो को पूरी उम्मीद है कि यह मिशन सफल होगा। लैंडर ‘विक्रम’ को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बड़ी गड़बड़ी भी मिशन को बर्बाद नहीं कर पाएगी। इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ कह चुके हैं कि चंद्रयान-3 का लैंडर ‘विक्रम’ 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ करने में सक्षम होगा, भले ही इसके सभी सेंसर और दोनों इंजन काम न करें।