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पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति पर बोले रक्षा मंत्री Rajnath Singh, कहा – भारतीय सशस्त्र बल एलएसी पर शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं

Line of actual control पर लगातार फ़ैल रही असंतोष खबरों के बीच आज राजयसभा में देश के रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने बड़ा बया दिया है। आज उन्होने सांसद स्तर में  पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति पर बात की।

रक्षा मंत्री ने देश की सीमाओं पर डंटे भारतीय सैनिकों को सलाम किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो भारतीय सशस्त्र बल Line of actual control पर शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारत-चीन सीमा पंक्ति का एक सौहार्दपूर्ण संकल्प चाहते हैं।

रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने राज्यसभा में ‘पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति’ पर अपने बयान में कहा “हम नियंत्रण रेखा पर एक शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है।”

रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में अपनी बात को रखते हुए आगे कहा, “हमारे सुरक्षा बलों ने साबित कर दिया है कि वे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि Line of actual control पर शांति और शांति में किसी भी प्रतिकूल स्थिति का हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कई उच्च स्तरीय संयुक्त बयानों में यह भी उल्लेख किया गया है कि द्विपक्षीय और सीमाओं पर एलएसी और सीमाओं पर शांति बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। 

पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ असहमति के समझौते के अनुसार, दोनों पक्ष चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से आगे की तैनाती को दूर करें।

भारत के रक्षा मंत्री का यह बयान एलएसी पर मतभेद की खबरों के बीच आया है। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर रक्षा मंत्री के कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया था कि “रक्षा मंत्री श्री Rajnath Singh कल (11 फरवरी) को राज्यसभा में ‘पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति’ के बारे में बयान देंगे।”

खबरों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील में फ्लैशपॉइंट से भारतीय और चीनी सीमावर्ती सैनिकों की घुसपैठ बुधवार को शुरू हुई, जिसमें अधिकारियों ने दावा किया कि प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से हो रही है।

भारत-चीन सीमा के कुछ हिस्सों में माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तापमान है, जहाँ न केवल भारत बल्कि चीन के सैनिक भी ठण्ड का सामना कर रहे हैं। दोनों ही देशों ने पूर्वी लद्दाख में विवादित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने हजारों सैनिकों को तैनात किया हुआ है।

नौवें दौर की सैन्य वार्ता के बाद, जमीनी स्तर के कमांडरों के बीच अनुवर्ती बैठकें हुईं, जिससे बुधवार से सैनिकों के पीछे होने के साथ विघटन प्रक्रिया की शुरुआत हुई। सूत्रों ने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद, झील के दक्षिणी हिस्से से टैंक और हथियार हटाने होंगे।

बुधवार को चीन के Ministry of Defence ने एक ब्यान जारी कर कहा कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी और उत्तरी किनारे पर फ्रंटलाइन सैनिकों ने सिंक्रनाइज़ेशन विघटन शुरू कर दिया है। हालाँकि, भारत ने अभी तक इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है।

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