Corona के बाद Ebola Virus का बढ़ा कहर, कांगो में मिले 6 नए मामले; 4 की मौत
पूरी दुनिया में कोरोना का कहर जारी है। अभी सभी देश Coronavirus से उभरे भी नहीं थे कि कांगो में Ebola virus ने दस्तक दे दी। इस बात की पुष्टि न केवल स्थानीय अधिकारियों ने की बल्कि World Health Organization ने भी वायरस के बारे में आगाह कर दिया है। उन्होंने Ebola virus के बारे में जानकारी दी, उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि कांगो में इबोला के छह नए केस देखने में आए हैं, जिसमें से अभी तक चार लोग जाना गंवा चुके हैं।
ANI ने अपने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा की। अपने इस पोस्ट में वो लिखते हैं कि “कांगो के अधिकारियों ने सोमवार को पश्चिमी शहर मांडकाका में एक नए Ebola virus प्रकोप की घोषणा की, जो 2018 से पूर्व में व्याप्त वायरस की एक और महामारी को जोड़ रहा है। छह मामलों का पता चला है, जिनमें से चार शहर में मारे गए हैं”: Reuters
World Health Organization के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा कि हमें कांगो में इबोला वायरस के मामले आने की जानकारी वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मिली है। ये सभी मामले एक ही शहर के हैं। आपको बता दें इस शहर में अब तक एक भी Coronavirus का मामला सामने नहीं आया है। अगर पूरे कांगो बात की जाए तो यहाँ अब तक कोरोना के 3,000 से अधिक मामले हुए हैं। इतना ही नहीं, World Health Organization ने यह भी बताया कि कोरोना और इबोला के बीच कोई संबंध नहीं है।
दो महीने से भी कम समय पहले, कांगो देश के पूर्वी हिस्से में आधिकारिक तौर पर एक Ebola महामारी का अंत घोषित होने वाला था, जो लगभग दो साल तक चला था और यहां Ebola virus से मरने वालो की संख्या 2,275 से अधिक थी। हाल ही में नए मामले सामने आए और कहा गया कि अभी भी इसका प्रकोप जारी है। यह पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह अपने अंतिम चरण में है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इबोला नामक वायरस अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन वाले इलाके से आया है। यह भी एक तरह का संक्रमण रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने पर फैलता है। इसके शुरूआती लक्षण इस प्रकार हैं – अचानक बुखार आना, कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और गले में खराश।
इन सब लक्षणों के बाद संक्रमित व्यक्ति को उलटी, डायरिया और अंदरूनी और बाहरी रक्तस्राव होता है। यदि मरीज को अधिक रक्तस्राव होता है, तो इससे मौत होने का खतरा भी हो सकती है। यह बिमारी चिंपैंजी, चमगादड़ और हिरण आदि के सीधे संपर्क में आने से मनुष्य में फैलती है।