Farm Unions सरकार के प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए लिखित में भेजा जवाब भेजा, कहा – प्रस्तावों को रद्द करें और हमारे आंदोलन को रोकें
Farmer’s Protest: किसानों का कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन दिल्ली सीमाओं पर लगातार जारी है। यूनियनों ने बुधवार को सरकार को इन कानून को लेकर लिखित में जवाब भेजा है जिसमें उन्होंने 9 दिसंबर के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस प्रस्ताव में उन्होंने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण रियायतें दीं गई थी।
Ministry of Agriculture and Farmers Welfare के संयुक्त सचिव Vivek Agerwal को एक ईमेल लिखा गया है। इस ईमेल में संयुक्ता किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने कहा कि “आपसे प्राप्त प्रस्ताव और पत्र के संदर्भ में, हम सरकार को सूचित करना चाहते हैं कि किसान संघों ने एक बैठक आयोजित की थी।” उसी दिन संयुक्त बैठक और आपके प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा 5 दिसंबर 2020 को मौखिक रूप से पेश किए गए प्रस्ताव का लिखित प्रारूप था।”
पाल ने इस ईमेल में सरकार से किसानों के आंदोलन को रोकने की साजिस को बंद करने की बात कही है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार किसानों के आंदोलन को खराब न करे और अन्य किसान संगठनों के साथ समानांतर बातचीत बंद करे।”
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की जिसमें उन्होंने यह को पुष्टि की है कि सरकार को किसान यूनियनों से लिखित प्रतिक्रिया मिली है। हालांकि, जब उनसे इस बारे यह सवाल किया गया कि क्या सरकार किसानों को बातचीत के लिए निमंत्रण भेजेगी, तो उन्होंने इसका जवाब देने से साफ़ मना कर दिया।
केंद्रीय कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar से जब बातचीत हुई तो उन्होंने इस बारे में यही कह कि सरकार किसानों को भेजे गए प्रस्ताव पर लिखित प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है।

Narendra Singh Tomar ने अपने साक्षात्कार में कहा, “हम उन मुद्दों पर कृषि यूनियनों के विचारों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिन पर वे चर्चा करना चाहते हैं। अगर उन्हें किसी बात से शिकायत है तो हम उस बारे में चर्चा कर सकते हैं और इसी से कोई निष्कर्ष भी निकाला जा सकेगा। तोमर ने कहा कि सरकार इस बिलों की समस्याओं को लेकर प्रदर्शनकारी किसानों को उस दिन आमंत्रित करेगी जब वो रियायतों की पेशकश के साथ अपनी प्रतिक्रिया वापस करेंगे।
किसानों के साथ गतिरोध को रोकने में अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर, Narendra Singh Tomarने कहा कि कुछ कृषि नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत चल रही थी, और वह 9 दिसंबर को भेजे गए सरकार के प्रस्ताव पर उनसे प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा प्रस्तावित बदलावों पर पलटवार करते हुए मैं उन्हें निमंत्रण भेजने के लिए तैयार हूं।” Narendra Singh Tomar ने हालांकि, स्पष्ट किया कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी।