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टिकैत के ‘फसल जलाओ’ धमकी का गलत मतलब निकाल पंजाब, हरियाणा में किसानों ने खुद की फसलों को किया नष्ट

Indian Farmer’s Union (बीकेयू) के नेता Rakesh Tikait ने चक्का जाम, रेल रोको के बाद ‘फसल जलाओ’ की धमकी पर गंभीरता दिखाई है। हरियाणा और पंजाब के लगभग एक दर्जन किसानों ने नए खेत कानूनों का विरोध करने के लिए अपनी खड़ी गेहूं की फसल का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद कर दिया।

18 फरवरी को, टिकैत ने हरियाणा के हिसार में एक किसान महापंचायत का आयोजन किया। इस महपंचायत में उन्होंने वहां के किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर केंद्र सरकार सभी कृषि कानूनों को नहीं रद्द नहीं करती है तो हम इसका लगातार विरोध करेंगें।

Rakesh Tikait ने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम एक फसल का त्याग करेंगे। हमें अपने खेतों में खड़ी हुई फसलों को जलाना होगा। सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि किसान फसलों की कटाई के लिए गांवों में लौट आएंगे। हम विरोध और कटाई दोनों साथ लेकर चलेंगें।

टिकैत ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा कि हम यह धारणा बना रहे हैं कि किसान आने वाले दो महीने में अपने घर वापस लौटेंगें ताकि गेहूं की फसल की कटाई हो सके। जबकि टिकैत ने समर्थकों से कहा था, ” पंजाब और राजस्थान के किसान अलग-अलग समय पर फसल काटते रहेंगे।

पंजाब और हरियाणा के बहुत से किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में अपनी खड़ी फसलों को नष्ट कर दिया था। टिकैत के विवादित बयान के बाद ज्यादातर किसानों ने अपनी फसल उगानी शुरू कर दी।

Rakesh Tikait ने उसके बाद स्पष्ट करते हुए एक ब्यान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि इस समय फसलों को जलाने की जरुरत नहीं है। हालंकि बहुत सी  जगहों पर किसान पहले ही अपनी फसलों को बर्बाद कर चुके हैं।

रोहतक जिले के भैणी सुरजन गांव के रहने वाले मनदीप सिंह ने इस विरोध में अपनी तीन एकड़ की जमीन में खड़ी गेहूं की फसल को नष्ट कर दिया।

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मंदीप एक छोटा किसान है जिसके पास एक-डेढ़ एकड़ ही जमीन है। वह लगभग 25 एकड़ भूमि पर खेती करके बचता है जो उसे 30,000 रुपये प्रति एकड़ के पट्टे पर मिला था। मंदीप और उनके गांव के कई अन्य किसानों ने इस सीजन में अपनी फसल नहीं बेचने का फैसला किया है। वे या तो अपनी फसल दान करेंगे या उन्हें आत्म-उपभोग के लिए रखेंगे।

ऐसे ही एक और किसान है बलराज सिंह, जो जींद जिले के गढ़ौली गाँव के रहने वाले हैं।  उन्होंने अपनी खड़ी गेहूं की फसल को स्थानीय गौशाला में दान किया है जिसे चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

बलराज ने पहले ‘किसान एकता जिंदाबाद’ के नारे लगाने के बाद अपनी लगी लगाई फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी किसान पिछले तीन महीनों से कानूनों का विरोध कर रहे हैं। जब किसान को कोई हित नहीं दिख रहा तो इतनी मेहनत करके फसल उगाने का क्या फायदा?

हरियाणा के अंबाला, सोनीपत और पानीपत जिलों और पंजाब के बठिंडा से फसल नष्ट करने की खबरें लगातार मिल रही हैं।

हरियाणा भारतीय किसान इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चादुनी ने कहा कि किसान अपनी फसल को लगातार नष्ट कर रहा है। शायद उन सभी किसान ने टिकैत के बयान की गलत व्यख्या समझ ली है।

Rakesh Tikait ने ऐसा कोई ब्यान नहीं दिया और ना ही किसानों को अपनी फसल को नष्ट करने की बात कही। उन्होंने सिर्फ फसल का त्याग करने करने की बात कही थी। मैं किसानों से अपील करता हूं कि वे अपनी फसलों को नष्ट न करें, क्योंकि हम लड़ रहे हैं।”

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने भी किसानों से अपील की है कि विरोध करने के और भी तरीकें हैं कृपया वो इस तरह अपनी फसलों को नष्ट न करें।

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