कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या को देख गोवा सरकार ने होली और अन्य उत्सव मनाने पर लगाई रोक
क्या आप भी वीकेंड पर गोवा जाकर होली सेलिब्रेशन करने की सोच रहे हैं? क्या आप भी गोवा बीच पर होली पार्टी का मन बनाए बैठे हैं? तो एक बार इस खबर को थोड़ा ध्यान से पढ़ लीजिए। ये खबर आप लोगों के लिए ही है। दरअसल देश में कोरोना के मामलों में एकबार फिर से उछाल देखा गया है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, कर्नाटका के बाद अब गोवा में भी लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में गोवा सरकार ने संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए होली सेलेब्रेशन पर रोक लगा दी है।
गोवा सरकार ने शुक्रवार 26 मार्च को एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य भर में COVID-19 मामलों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हम Indigenous Peasant Festival (शिगमो), होली, नवरात्रि और शब-ए-बारात के उत्सव पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
मौजूदा बजट सत्र में बोलते हुए, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विधानसभा में अपनी बात रखी। उन्होने कहा कि त्योहारों और शादियों जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में कोरोना संक्रमण के लिए जारी की गई गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी से संक्रमण के प्रभाव और प्रसार को कम करने के लिए होटलों को बड़ी सभाओं या होली थीम्ड पार्टियों का आयोजन न करने का आग्रह किया है।
सावंत ने शून्यकाल के दौरान राज्य में कहा, “गोवा सरकार अपने राज्य के हिट के लिए एक बड़ा निर्णय ले रही है। हम कोविद -19 मामलों में वृद्धि के कारण शिग्मो त्यौहार को रद्द कर रहे हैं। हमारे लिए लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षा ज्यादा जरुरी है। , त्योहार तो हर साल आते हैं और उन्हें आगे भी आयोजित किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने शिग्मो को कम लोगों के साथ मिलकर मनाने के लिए मनाही नहीं की है।

गोवा की सरकार ने राज्य में आगामी सभी धार्मिक त्योहारों के लिए सार्वजनिक सेलिब्रेशन पर रोक लगा दी है। सचिव (स्वास्थ्य) गौतम परमाकर ने अधिकारियों से भी सभी नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि आने वाले सभी त्योहारों जैसे होली, शब-ए-बारात, नवरात्रि में सार्वजनिक स्थानों, पार्कों, बाजारों में समूह को इकट्ठे होने की अनुमति न दी जाए।
गोवा में शुक्रवार कोरोना के 189 नए मामले सामने आए हैं। प्रमोद सावंत ने पहले कहा कि पर्यटकों के लिए कोरोना की नेगटिव रिपोर्ट देने का कोई नियम इसलिए नहीं था क्योंकि इससे राज्य में पर्यटक उद्योग बाधित हो सकता है।