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High BP कर सकता है हड्डियां कमजोर, Swami Ramdev से जानिए BP कंट्रोल करने का तरीका

तनाव लेने में भारत की जनता सबसे आगे है। देश में 89 प्रतिशत लोग तनाव से पीड़ित हैं जबकि अन्य देशों में तनाव लेने वालों का औसत 86 प्रतिशत है। इन आंकड़ों को देखकर सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि तनाव से रक्तचाप बढ़ता है जो कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। लगातार High BP होने से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, शुगर और किडनी फेल होने का भी डर रहता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया में 30 से 79 वर्ष की आयु के 1 बिलियन से अधिक लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। डर यह है कि 2025 तक दुनिया की 29 फीसदी आबादी इसकी चपेट में आ जाएगी. अकेले भारत में ही 20 करोड़ से ज्यादा लोग High BP के शिकार हैं। उच्च रक्तचाप हर साल 1.6 मिलियन लोगों की जान लेता है। इतना ही नहीं हाई ब्लड प्रेशर की वजह से लोगों का दिल भी कमजोर हो जाता है।

हड्डियों को कमजोर बनाता है High BP

इतना ही नहीं, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की एक ताज़ा रिसर्च के मुताबिक High BP से हड्डियां भी वक्त से पहले बूढ़ी और कमज़ोर हो जाती हैं। दरअसल हाइपरटेंशन के मरीज़ों को हड्डियों में सूजन की वजह से ऑस्टियोपोरोसिस होने के चांस कई गुना बढ़ जाते हैं। इस बीमारी में bone mineral density और bone mass तेज़ी से घटता है और हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बढ जाता है।

सर्दियों में बढ़ सकता है ब्लड प्रेशर

ऐसे में High BP को लेकर अवेयर होने की ज़रूरत है, क्योंकि हल्की हल्की सर्दियां भी शुरू हो गई हैं। ठंडे मौसम में कमज़ोर इम्यूनिटी, जोड़ों में दर्द और अस्थमा के साथ जो दिक्कत सबसे ज़्यादा देखने को मिलती है वो High BP है। अब सवाल ये है कि आखिर सर्द मौसम में ब्लड प्रेशर के बढ़ने की वजह क्या है।

Arteries सिकुड़ने से होती है समस्या

दरअसल टेंपरेचर कम होने से Arteries सिकुड़ने लगती हैं और शरीर में खून की सप्लाई बनाए रखने के लिए ज़्यादा फोर्स लगती है और ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। इसके अलावा वर्कआउट की कमी, तला, भुना, नमकीन खाना, कम पानी पीना और वज़न बढ़ना भी ब्लड प्रेशर का लेवल अप कर देते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि अपना बीपी बैलेंस रखें। चक्कर आएं, सिरदर्द हो, चेस्टपेन हो, घबराहट-बेचैनी हो तो तुरंत बीपी चेक कराएं। क्योंकि ये सब हाइपरटेंशन के ही लक्षण हैं, जिनका पता होना ज़रूरी है। क्योंकि जब बीमारी का ही पता नहीं होगा तो इलाज कैसे होगा। हार्ट और ब्रेन पर मंडराता खतरा कैसे रुकेगा।

एक अध्ययन से पता चलता है कि 90 प्रतिशत लोगों को बीपी में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में पता भी नहीं होता है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें हृदय रोगी बनने में देर नहीं लगती है।

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