Kisan Diwas

कृषि बिलों के खिलाफ आज 26वें दिन किसानो ने की भूख हड़ताल; नागरिकों से भी “Kisan Diwas” पर भोजन छोड़ने को लेकर की अपील

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आज 26 वें दिन भी जारी है। किसान अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। हालांकि सरकार बार बार यही कह रही है कि कोई भी समस्या है तो किसान बातचीत के लिए आएं ताकि इस जरिए समाधान निकाला जा सके। रविवार को सिंधु सीमा पर किसान नेताओं की एक बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सोमवार (21 दिसंबर) को सभी विरोध स्थलों पर 11 किसान एक दिन की भूख हड़ताल करेंगें। इसके साथ ही उन्होंने 23 दिसंबर को किसान दिवस पर सभी नागरिकों से भोजन छोड़ने की अपील भी की।

सिंघू सीमा पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, Swaraj india के अध्यक्ष Yogendra Yadav ने कहा कि भूख हड़ताल 11 के समूहों में होगी और देश के अन्य हिस्सों में यूनियनों से भी अपील की जाएगी कि वे अपनी ताकत के अनुसार ऐसा करें।

Yogendra Yadav ने इस बारे में आगे जानकारी देते हुए कहा कि  “आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए, किसानों को सभी जगहों पर 24 घंटे भूख हड़ताल पर रहना होगा। हम देश भर में विरोध कर रहे किसानों से अपील करते हैं कि वे हमारे इस कार्य में भाग लें। यहां एक दिन में 11 लोगों का एक समूह बैठेगा और बाकी विरोध स्थलों पर किसान अपनी ताकत के अनुसार ऐसा कर सकते हैं।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी इस बारे में अपने विचार रखें हैं। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आने वाली 23 तारीख को किसान दिवस मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती होती है। किसान भाई उनके ‘अन्नदत्त’ की याद और आंदोलन के चलते अपनी मर्जी के साथ भोजन छोड़ें।

Yogendra Yadav

टिकैत ने कहा कि यूनियन के कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगियों तक पहुंचेंगे और उनसे पूछेंगे कि वे कृषि कानूनों का समर्थन क्यों कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हम भाजपा और उसके सहयोगियों तक पहुंचेंगे और उनसे पूछेंगे कि क्या वे कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। यदि वे कर रहे हैं, तो कृपया कार्रवाई का भविष्य तय करें।”

उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थकों और समर्थकों पर किए जा रहे कथित छापों पर आगे सवाल उठाए। उन्होंने एएनआई को बताया -“अगर ED उन गायकों पर छापा मार रहा है जो किसानों के विरोध में भाग ले रहे हैं, तो उन्हें व्यवसायियों और भ्रष्ट अधिकारियों को छापे से क्या रोक रहा है?”

कई किसान यूनियनों के नेताओं ने भी देश में लोगों से अपील की कि वे आंदोलन के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए 27 दिसंबर को Prime Minister Narendra Modi के मासिक रेडियो कार्यक्रम Mann ki Baat में न देखें।

किसान नेता ने ये भी कहा है कि आने वाली 25 दिसंबर से 27 दिसंबर तक हमने हरियाणा टोल प्लाजा को मुफ्त करने का फैसला लिया है।

जानकारी के लिए बता दें, किसान दिल्ली की सभी सीमाओं पर किसान के लिए बनाएं तीन बिल के खिलाफ 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जल्द ही उन्हें ये पारदर्श करते हुए पूरा महीना हो जाएगा लेकिन अभी तक किसान सरकार की बात से संतुष्ट नहीं हुए है।

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