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IAS टॉपर Tina Dabiने दी कोरोना को मात; नए मॉडल पेश करने पर हो रही जमकर तारीफ़

चूंकि भारत में कोविद -19 संक्रमण और मौतों की संख्या में वृद्धि जारी है, इसलिए राजस्थान के Bhilwara ने संक्रमण को कम कर इसे काबू में कर लिया है। दरअसल राजस्थान का यह जिला अब तक सबसे उच्च संख्या वाले कोरोना मरीजों वाला जिला था। इसका सारा श्रेय Tina Dabiको जाता है जो इस जिले की एसडीएस (सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट) नियुक्त की गई हैं। इन्होने अपने प्रदेश से कोरोना संक्रमण के खिलाफ महायुद्ध जीतकर पूरे देश में मिसाल पेश की है।

कैसे जिले को किया कोरोना मुक्त

एक न्यूज फर्म से बातचीत करते हुए, IAS अधिकारी Tina Dabiजो इस समय Bhilwara शहर के एसडीएम पद पर हैं ने कहा कि यह आसानी से दूसरे रास्ते से जा सकता है। “Bhilwara अगला इटली हो सकता था। हमारे पास संख्याएँ थीं। यहां स्तिथि भी बाकी बड़े शहरों की तरह थी। लगातार एक के बाद एक केस सामने आ रहे थे।  इस जिले में सबसे पहला केस 19 मार्च को सामने आया था। उसके बाद 20 मार्च को 6 अन्य लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जब इस मामले के बढ़ने के कारणों का पता लगाया गया तो हमने पाया कि एक प्राइवेट अस्पताल के कुछ डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हैं और इसी कारण से जिले में संख्या बढ़ रही है। 

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अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए डाबी ने कहा, “जब हमने अस्पताल के रिकॉर्ड को देखा कि यह पता लगाया जा सकता है कि कितने लोग प्रभावित हो सकते हैं, तो हमें एहसास हुआ कि संख्या कितनी बड़ी है और यह पता चला है कि यह एक हॉटस्पॉट बन गया है।”

उठाए सख्त कदम

जिला प्रशासन ने पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया और Bhilwara को 25 मार्च को देश में लॉक डाउन होने से पहले ही सील कर दिया गया। 20 मार्च को, टीना ने पूरे शहर को बंद कर दिया था। साथ ही उन्होंने लोगों को घबराने और अपने घरों में वापस जाने के लिए कहा। सभी दुकानों को बंद करने का निर्णंय लिया गया। Tina Dabiका कहना है कि लोगों को यह समझाना एक चुनौती थी क्योंकि यह तब ऐसा और कहीं नहीं हो रहा था। इसमें एक दिन से अधिक समय लगा, लेकिन इससे  हमारा काम बहुत ही आसान हो गया। हम बहुत आक्रामक और दृढ़ता से सब बंद कर स्तिथि पर कंटोल पाना चाहते थे। 

Bhilwara

घर घर पहुंचाई आवश्य सामग्री 

IAS Topper ने इंटरव्यू में बताया कि हमने इस काम को अंजाम देने के लिए  दिन-रात म्हणत की, हमारी कोशिश यही थी कि जनता को किसी भी तरह की कोई पपरेशानी न हो। हमारे पास समय कम था। हमें आने वाले दिनों के लिए ही लोगों कि सभी बुनियादी जरुरतों का ध्यान रखना जरुरी था। इसलिए हमने सभी आवश्य सामग्री जैसे दूध, फल, सब्जियां door-to-door पहुंचाने का कार्य किया ताकि कोई भी व्यक्ति घर से बाहर न निकले। हमें इस समय लोगों के सहरोग की जरुरत थी। लोगों को विश्वास दिलाने के लिए उनकी जरूरतों को पूरा करना जरुरी था। जिसका नतीजा हमारे सामने था। लोगों ने हमें सहयोग दिया और हम भीलवाड़ा से कोरोना को काबू करने में कामयाब हो पाए। मेरी टीम ने बहुत ही बेहतरीन काम किया, मुझे लगता है बाकी प्रदेशों में भी कुछ ऐसा ही होना चाहिए। 

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