If you are planning to keep a dog

कुते को पालने का बना रहे हैं प्लान तो एक बार जरूर जान लीजिए इन नियमो के बारे में

नोएडा ऑथॉरिटी ने बोर्ड बैठक में पालतू जानवरों के लिए कई अहम फैसले लिए हैं. अब अगले साल 1 मार्च से नोएडा में अगर कोई पालतू जानवर किसी पर हमला करता है तो मालिक को 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. इसके अलावा घायल व्यक्ति के इलाज की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।

अथॉरिटी ने अब पालतू कुत्तों / बिल्लियों का रजिस्ट्रेशन करवाना भी अनिवार्य कर दिया गया है.अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके साथ ही जानवरों का वैक्सीनेशन कराना अनिवार्य होगा और इसमें भी लापरवाही करने पर जुर्माने का प्रावधान है।

बनाए जाएंगे फीडिंग प्लेस

डॉग फीडर्स की मांग पर उनके सहयोग से आवश्यकता होने पर आरडब्ल्यूए और एओए की ओर से आउटडोर एरिया में फीडिंग प्लेस बनाए जाएंगे. जहां पर उनके द्वारा सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा. उनके खाने पीने की व्यवस्था आरडब्ल्यूए, एओए और फीडर्स की ओर से की जाएगी. बाहरी क्षेत्र में फीडिंग प्लेस की मार्किंग और खाने-पीने की व्यवस्था फीडरों/आरडब्ल्यूए/एओए द्वारा ही की जाएगी।

करनी होगी सफाई

प्राधिकरण निवासी कल्याण संघों की सहमति से अपने खर्च पर आश्रय भी प्रदान करेगा, जहां आरडब्ल्यूए द्वारा बीमार और आक्रामक कुत्तों को रखा जाएगा और उनका रखरखाव किया जाएगा. फीडिंग स्पॉट भी बनाए जाएंगे और एक बोर्ड के साथ चिह्नित किया जाएगा. यह भी कहा गया है कि कुत्ते के मालिकों की ये भी जिम्मेदारी होगी कि अगर उनका पालतू जानवर कहीं गंदगी करता है तो वो वहां की सफाई करे।

क्या हैं नए नियम?

नोएडा प्राधिकरण की नई नीति के तहत 31 जनवरी, 2023 तक पालतू कुत्तों या बिल्लियों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर जुर्माना लगाया जाएगा.
किसी अप्रिय घटना के मामले में पालतू पशु मालिकों को 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार नोएडा प्राधिकरण की 207वीं बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया.

घायल व्यक्ति का इलाज पालतू कुत्ते के मालिक को करवाना होगा.
पालतू कुत्तों की नसबंदी या एंटी रैबीज टीकाकरण भी अनिवार्य कर दिया गया है जबकि उल्लंघन करने पर हर महीने 2000 रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
आरडब्ल्यूए/एओए/गांव के निवासियों की सहमति से बीमार/आक्रामक आवारा कुत्तों के लिए डॉग शेल्टर का निर्माण, जिसके रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित आरडब्ल्यूए/एओए की होगी.
नोएडा प्राधिकरण ने शहर में कुत्ते के काटने की कई घटनाओं को देखते हुए पालतू जानवरों को रखने और आवारा पशुओं को खिलाने के लिए नीति को मंजूरी दी थी।

कुत्ता मालिकों के लिए भी हैं अधिकार?

एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से कुत्ता पालिकों को लेकर नियम तय किए गए हैं. जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम 1960 की धारा 11 (3) में कहा गया है कि हाउसिंग सोसाइटी के लिए पालतू जानवरों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पारित करना अवैध है. यानी ऐसा नहीं है कि कोई सोसाएटी आपको कुत्ता रखने से मना कर दे. आपको जानवर पालने का पूरा अधिकार है. इसके अलावा एक किराएदार भी फ्लैट में जानवर रख सकते हैं. कुत्ते के भौंकने की वजह से पालतू जानवर रखने के लिए मना नहीं किया जा सकता है. नियमों के अनुसार, पालतू जानवरों को इमारतों की लिफ्टों का उपयोग करने से मना नहीं किया जा सकता है।

कुत्ते के भी हैं अधिकार?

पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम 1960 में 2002 में किए गए संशोधन के अनुसार, आवारा कुत्तों को देश का मूल निवासी माना गया है. वह जहां भी चाहें वहां रह सकते हैं, किसी को भी उन्हें भगाने या हटाने का हक नहीं है. अगर आवारा कुत्ते के साथ क्रूरता की जाती है तो ऐसा करने वाले को पांच साल तक की सजा हो सकती है. अगर कुत्ता खतरनाक है तो भी उसे मारा नहीं जा सकता है।

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