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स्ट्राइक के कारण आज भी भारतीय बैंकिंग सेवाएं रहेंगी प्रभावित; जाने स्ट्राइक होने का क्या है कारण

देश भर में बैंकिंग सेवा आज भी आम जनता को नहीं मिल पाएगी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने पिछले दो दिन से पूरे देशभर के बैंक में हड़ताल का आह्वान किया है। इसके पीछे का कारण दो राज्य-स्वामित्व वाले उधारदाताओं के प्रस्तावित निजीकरण करना है। इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए, सरकार के विनिवेश योजना के हिस्से के रूप में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के निजीकरण की घोषणा की थी। इस निजीकरण के फैसले से नाखुश बैंक कर्मचारियों के नौ संगठनों की शीर्ष संस्था यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने लगभग एक महीने बाद यह हड़ताल की।

इस हड़ताल के चलते देश के नागरिकों को बैंक से संबंधित कार्य पूरा करने में परेशानी हो सकती है। हड़ताल के कारण शाखा में जमा और निकासी, नए खाते खोलने, निकासी और ऋण स्वीकृति जैसी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालाँकि, एटीएम सामान्य रूप से काम करते रहेंगें। 

यूएफबीयू, नौ यूनियनों का संघ ने एक ब्यान जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में बैंक के लगभग 10 लाख कर्मचारी हिस्सा लेंगे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सहित कई सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं ने अपने ग्राहकों को बैंक बंद होने को लेकर पहले ही सूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हड़ताल होती है व बढ़ती है तो सभी लोगों का सामान्य कामकाज शाखाओं और कार्यालयों में प्रभावित हो सकता है। 

इसके अलावा एसबीआई ने भी अपना ब्यान जारी किया है। उन्होंने कहा बैंक में सामान्य कामजकाज के लिए सभी शाखाओं और कार्यालयों में अलग से व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बैंकों में सभी काम सुचारु रूप से चलते रहे, इसके लिए हम कार्य कर रहे हैं। 

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि 2019 में LIC में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने IDBI बैंक का निजीकरण कर दिया। इसके अलावा पिछले चार साल में 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय किया गया है। बैंक के निजीकरण पर रोक लगाने को लेकर पहले ही 4, 9 और 10 मार्च बैठक हो चुकी हैं। ये बैठक मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष  की गई थी, लेकिन इन बैठकों में कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। जिसके कारण हमें हड़ताल करने का निर्णय लेना पड़ा।

जानकारी के लिए बता दें कि जो ग्राहक एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक यूजर्स हैं उन सभी को बैंकों की लगभग एक तिहाई बैंकिंग सेवाओं के सामान्य रूप से काम करती रहेंगी।

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