वॉलिंटियर की हालत बिगड़ने पर Johnson & Johnson ने रोका अपना कोरोना वैक्सीन का ट्रायल
जॉनसन एंड जॉनसन ने सोमवार यानी १२ अक्टूबर को एक बड़ी घोषणा की। कंपनी ने एक अध्ययन प्रतिभागी में एक अस्पष्टीकृत बीमारी को देखते हुए कोविद -19 वैक्सीन नैदानिक परीक्षणों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी।
न्यू जर्सी कंपनी न्यू ब्रंसविक के एक प्रवक्ता द्वारा दी गई एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। उन्होंने एजेंसी STAT की रिपोर्ट को सही बताते हुए कहा कि हां! यह सच है कि एक अज्ञात बिमारी को देखते हुए जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने कोरोना वायरस की वैक्सीन के ट्रायल को फिलहाल के लिए रोक दिया है।
आपको याद होगा इस महीने की शुरुआत में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी भी उस लिस्ट में शामिल हुई थी,जो कंपनियां कोरोना की दवाई बना रही है। जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा बनाई गई एडी26-सीओवी2-एस कोरोना की वैक्सीन है। अमेरिका में यह चौथे नंबर पर आने वाली वैक्सीन है, जिसका क्लिनिकल ट्रायल का अंतिम चरण चल रहा था। वैक्सीन से जुडी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इस दवा ने पहले ही ट्रायल में कोरोना पर अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी। इसने वायरस से लड़ने में एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दी थी। रिसर्चरों को कहना है कि अब तक दवा के को भी गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए थे।

जानकारी के लिए बता दें, की जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अपने सभी क्लिनिकल ट्रायल पुरे कर लिए थे। उन्होंने इस समय बस अपने अंतिम चरण के परीक्षण को शुरू किया था। कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा था कि वो अपने अंतिम चरण के तहत अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, कोलंबिया और मैक्सिको में वैक्सीन का परीक्षण करेगी। यह परीक्षण लगभग 60 हजार लोगों पर किया जाना था। फिलहाल जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लग चुकी है। इससे पहले भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर रोक लगा दी गई थी।
वैक्सीन बनाने की रेस में बहुत सी कंपनियां काम कर रही हैं। इस रेस में शामिल होने वाली कंपनियों में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका शामिल हैं। कुछ दिनों पहले एक वालंटियर की कोविशील्ड टीका लेने के बाद हालत बिगड़ गई थी, जिसके चलते तीसरे चरण के परीक्षण को छह सितंबर को रोकना पड़ा। हालांकि, कोविशील्ड टीका का परीक्षण ब्रिटेन और भारत में दोबारा शुरू किया गया है। जबकि, अमेरिका या अन्य देशों ने अभी दोबारा मंजूरी नहीं दी।