Anurag-Kashyap

Kangana Ranaut ने शेयर की Anurag Kashyap के एक थ्रोबैक वीडियो; निर्माता ने बच्चे के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार की बात स्वीकारी

नेटफ्लिक्स की मोस्ट पॉपुलर वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स के निर्माता Anurag Kashyap इन दिनों क़ाफी चर्चा में बने हुए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि निर्माता पर अभिनेत्री Payal Ghosh ने यौन दुराचार का आरोप लगाया था। अभिनेत्री के मुताबिक़ उसने ओशिवारा पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जब Anurag Kashyap से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इन आरोपों को झूठा बताते हुए बात करने से साफ़ इंकार कर दिया। लेकिन यह विवाद बढ़ गया और उनकी छवि को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया। 

कई लोग अनुराग के समर्थन में सामने आए हैं। हाल ही में उनका एक पुराना वीडियो सामने आया है।  जिसमें वो कबूल करते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने बचपन में एक बच्चे के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार किया था। 

अब Kangana Ranaut ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंगना ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि “मैंने भावनात्मक गिद्धों / आत्महत्या करने वाले गिरोह के बारे में बात की, जिन्होंने सुशांत सिंह राजपूत को मार डाला या उन्होंने खुद को मारने कोशिश की। कई लोगों ने पूछा कि वे दूसरों के साथ ऐसा क्यों करते हैं? अनुराग की सुनो! वह बता रहे हैं कि वो कैसे छेड़छाड़ करते थे? एक बच्चे को वो चोट पहुँचा रहे हैं लेकिन उन्हें लगता है कि दूसरों को चोट पहुँचाना ही सही उत्तर है।”

वीडियो में अनुराग को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह एक बच्चे को कोने में ले जाता था और उसे थप्पड़ मारता था। यह उसकी हताशा को दूर करने का एक तरीका था क्योंकि उसे भी वही सहना पड़ा। फिर बच्चे ने अपने माता-पिता से शिकायत की, और अनुराग को स्कूल के प्रिंसिपल ने बुलाया। यह बात खुद निर्देशक ने साझा किया।

फिल्म इंडस्ट्री में आए न आए दिन बहुत सी बाते सामने आ रही हैं। जब अनुराग के खिलाफ पायल घोष के #MeToo आरोप लगाए उसके बाद से ही बॉलीवुड में हलचल मच गई है। फिल्म निर्माता के वकील ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से एक बयान पेश किया है। बयान में वो लिखते हैं कि “मेरे मुवक्किल, Anurag Kashyap पर हाल ही में यौन दुराचार के झूठे आरोप लगाए गए हैं और उनके खिलाफ लगे आरोपों से उन्हें  गहरा सदमा लगा है। ये आरोप पूरी तरह से झूठे, दुर्भावनापूर्ण और बेईमान हैं।

अपने ब्यान में वो आगे लिखते हैं कि यह दुखद है कि एक सामाजिक आंदोलन जितना महत्वपूर्ण है। #MeToo आंदोलन को निहित स्वार्थों के लिए लोगों ने अपना लिया है और इसकी मदद से वो किसी के भी चरित्र पर ऊँगली उठा सकते हैं। इस प्रकार के काल्पनिक आरोपों ने आंदोलन को गंभीरता से कम कर दिया और यौन उत्पीड़न और शोषण के वास्तविक पीड़ितों के दर्द और आघात करने की कोशिश की। मेरे मुवक्किल को कानून में उनके अधिकारों में अपनी बात रखने की आजादी है।

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