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इस साल काशी में मंदिर परिसर में ही रहेंगे भगवान जगन्नाथ, रथयात्रा मेला को किया गया स्थगित

इस साल काशी के लक्खा मेले में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी। इस साल भगवान् अपने मंदिर में रहेंगें। कोरोना संक्रमण के चलते इस यात्रा को स्थगित किया गया है।

ट्रस्ट से हुई बातचीत में उसके अध्यक्ष दीपक शापुरी ने बताया कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया गया है कि इस बार रथयात्रा मेले को स्थगित किया जाए। यह फैसला आम जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लिया गया है। यह यात्रा हर साल होती है। 5 जून को होने वाले भगवान के स्नान में इस साल आम जनता और श्रद्धालुओं को आने की अनुमति नहीं थी।

हर साल 22 से 25 जून को रथयात्रा मेला लगता है। लेकिन इस साल रथयात्रा मेला को पूरी तरह से बंद किया गया है। लाभ सचिव आलोक शापुरी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस यात्रा में शामिल होता है उसे भगवान् जगनाथ के मंदिर में साल भर जाने जितना ही पुण्य प्राप्त होता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि सभी देवी देवता का निवास हमेशा मंदिर के ठीक बीचो बीच होता है। एक बार यदि मूर्ति की स्थापना हो जाए तो उसे बार बार हटाया नहीं जाता। लेकिन जगन्नाथ जी प्रभु  जो साल में एक बार अपने मंदिर के केंद्र से निकलकर भ्रमण पर निकलते हैं। जगन्नाथपुरी व काशी के अलावा बहुत सी जगहों पर निकाली जाती है। सभी जगह रथों को सूंदर फूलों से सजाया जाता है और उस में भगवान् जगन्नाथ जी को भ्रमण कराया जाता है। इस महोतसव में सभा, रस्म व पूजन विधान पुरा-पुरा ख्याल रखा जाता है। काशी ही एक ऐसी नगरी हैं जहाँ यह यात्रा तीन दिन तक चलती है। 

आपको बता दें काशी के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ वार्षिक रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले 18 जून कोरोनोवायरस महामारीके कारण इस होने वाले वार्षिक उत्सवों को प्रतिबंधित किया गया था।

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