India-US 2+2 dialogue के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने के लिए आज भारत आएंगें Mike Pompeo और Mark Esper
अमेरिकी विदेश मंत्री Mike Pompeo और रक्षा सचिव Mark Esper आज भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। दोनों ही मंगलवार को होने वाले दो-प्लस-दो मंत्रिस्तरीय संवाद के तीसरे संस्करण का हिस्सा बनेंगें। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस वार्ता के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं।
Mike Pompeo ने थोड़ी ही देर पहले अपने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा की। जिसमें उन्होंने भारत की अपनी यात्रा के लिए रवाना होने के बारे में जानकारी दी है। वो लिखते हैं कि “भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की मेरी यात्रा के लिए तैयार। एक खुले, मजबूत, स्वतंत्र और समृद्ध राष्ट्रों की रचना के लिए साझा दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए हमारे सहयोगियों के साथ जुड़ने के अवसर के लिए में बहुत आभारी हूँ।
पोम्पेओ और ग्रिप अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक संयुक्त आह्वान करने का कार्यक्रम है। जानकरी के मुताबिक़ दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जिसमें चीन द्वारा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में काफी समय से चल रहे उनके व्यवहार की समस्याएं भी शामिल हैं।
जानकारी के लिए बता दें चीन देश ने सभी लोगों के लिए पिछले काफी समय से परेशानियां खड़ी की हुई हैं। पिछले कुछ महीने से अमेरिका के चीन के साथ कई विवादास्पद मुद्दें है। इसी कारण से ही अमेरिका अब चीन पर हमले कर रहा है। इस वार्ता का उद्देश्य यही है कि वो बाकी देशों के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकाले। इस हमले का उद्देश्य भारत के साथ सीमा विवाद, दक्षिण चीन सागर में इसकी सैन्य उग्रता और हांगकांग में सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों से निपटने का तरीका शामिल है। पोम्पियो और एस्पर इसी वजह से अब भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर द्विपक्षीय वार्ता करने जा रहे हैं। इसके बाद वो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी एक मुलाकात करने वाले हैं।
अधिकारियों से हुई बातचीत से पता चला है कि अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर को सोमवार की दोपहर रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में सलामी गारद पेश किया जाएगा। दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका पर विचार कर रहे हैं। शायद इस वार्ता में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और भी मजबूत हो सके। बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान की डील्स भी हो सकती है। जैसा की सभी जानते हैं कि हाल के कुछ वर्षों से भारत-अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में में काफी मजबूती देखी गई है और ये वार्ता उसी का परिणाम है।