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Ministry of AYUSH ने Patanjali को जारी किए निर्देश, कहा – जांच से पहले Corona के इलाज करने वाली दवा का न करें विज्ञापन

हाल ही में Patanjali द्वारा निकाली गई दवाई को लेकर लोगो काफी खुश थे। हर जगह इस दवाई के बारे में जानकारी दी जा रही थी। कल से इसके विज्ञापन की एक लहर पूरे भारतवर्ष में दौड़ रही थी। पतांजलि ने मंगलवार को इस दवाई के बारे में दावा किया था कि यह कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में मदद करेगी। लेकिन इस बात की घोषणा होने के कुछ घंटे बाद ही आयुष मंत्रालय ने कंपनी कुछ निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में साफ़ कहा गया है कि कंपनी इस दवा से संबंधित किसी भी विज्ञापन और दावों को तब तक प्रचारित न करें, जब तक कि इस मुद्दे की विधिवत जांच नहीं हो जाती।

एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है कि दावे और वैज्ञानिक अध्ययन के विवरण के तथ्य मंत्रालय को फिलहाल ज्ञात नहीं हैं। इस दवा के बारे में सूचना मंगलवार को सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि Patanjali ने कोरोना की दवाइयाँ लॉन्च कीं। इतना ही नहीं Patanjali ने इस बात का भी दावा किया गया था कि यह दवाइयां कोरोनोवायरस को ठीक करने में काफी प्रभावशाली साबित हुई हैं। आयुर्वेदिक दवाओं- Swasari Vati, Coronil tablet और Anu Taila के पैक की कीमत 545 रुपये रखी गई है।

हालंकि Patanjali के संरक्षक और संस्थापक Baba Ramdev ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्होंने दवाओं की प्रभावकारिता निर्धारित करने के लिए पहले चरण में, अहमदाबाद और नई दिल्ली सहित शहरों में एक नैदानिक-नियंत्रित अध्ययन किया गया था। यह इस दवा से लगभग 280 रोगियों की जांच भी की गई थी। हमने खुद इसके परिणाम देखें हैं। इस दवा ने 100% रिकवरी की जिसमें से एक की भी मृत्यु नहीं हुई। नैदानिक ​​नियंत्रित परीक्षणों के दौरान, तीन दिनों में 95 रोगियों में से लगभग 69% बिलकुल ठीक हुए हैं जबकि 100% ठीक होने में दिनों का समय लगा।

Baba Ramdev का कहना है कि यह दवा में तीन से सात दिनों के भीतर 100% रिकवरी की दर रखती है। Patanjali ने अपनी दवाकि नैदानिक ​​परीक्षण Patanjali अनुसंधान संस्थान और NIMS विश्वविद्यालय, जयपुर द्वारा संयुक्त रूप से किए गए हैं।

इतना ही नहीं आने वाले सात दिनों में ये सभी दवा Patanjali Store में उपलब्ध होगी, इस तरह की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही कंपनी इस दवा की ऑनलाइन बिक्री के लिए भी तैयार है जो ठीक एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी और इसके लिए वो एक अलग से ऐप भी लॉन्च करने वाले हैं। 

Ministry of AYUSH ने उत्तराखंड सरकार के संबंधित राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से भी अनुरोध किया है कि वह COVID-19 के इलाज के लिए दावा की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं के लाइसेंस और उत्पाद अनुमोदन के विवरण उपलब्ध कराए।

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