बिहार पुलिस के अधिकारी अश्विन कुमार की हत्या के बाद मां की सदमें में हुई मौत; साथ में होगा अंतिम संस्कार
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले से एक बेहद ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले में बिहार पुलिस अधिकारी की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। जिसके बाद बिहार पुलिस अधिकारी की वृद्ध मां की रविवार को सदमे से मौत हो गई। माँ और बेटे दोनों का पूर्णिया जिले के उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया।
किशनगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ अश्विनी कुमार को 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में एक छापे के दौरान भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार दिया गया था। अपने बेटे अश्विनी कुमार की मृत्यु की खबर के बाद मां पूरी तरह से सदमें में जा चुकी थी, जिसके बाद मौत का सदमा ना सहने के बाद माँ की भी मौत हो गई।
पीटीआई के ने इस खबर की जानकारी दी। उनकी रिपोर्ट के अनुसार पुलिस महानिरीक्षक, पूर्णिया रेंज, सुरेश चौधरी के निर्देश पर, सात पुलिसकर्मी, जो मोटर साइकिल चोरी के मामले में अश्विनी कुमार के साथ पश्चिम बंगाल गाँव गए थे। लेकिन अचानक से उन पर हमला बोल दिया गया, और सब वहां से भाग निकले। इस घटना में अश्विन कुमार के साथ छापे मारने गए सातों पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है।
पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने डीआईजी के निर्देश अनुसार ही इन्हें ड्यूटी से हटाने का निर्देश दिया गया था। बिहार पुलिस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और इसे गद्दारी माना है। सातों पुलिसकर्मियों पर निलंबन के अलावा भी कार्रवाई करने की बात कही गई है।
अश्विनी कुमार ने बंगाल के पंजिपारा पुलिस स्टेशन के तहत पड़ोसी क्षेत्र में घुसकर अपराधी की तलाश के लिए छापेमारी की थी। यह घटना आधी रात के बाद की घटना है। अश्विनी कुमार इस इलाके में मोटरसाइकिल चोरी के मामले में एक छापेमारी करने गए थे। जब वो उत्तर दिनाजपुर गाँव में पहुँचे, तो ग्रामीणों ने बिहार पुलिस के अधिकारी पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया।
बाद में, पंजिपारा चौकी से पुलिस कर्मियों के एक दल से उन्हें बचाने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस कर्मी को इस्लामपुर सदर अस्पताल एडमिट करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अश्विनी कुमार हत्याकांड मामले में पूरा परिवार शौक में डूबा हुआ है। पुलिस अधिकारी के ग्रामीणों एवं परिजनों ने मामले को लेकर एक बैठक की है। परिजनों ने सरकार से हाईकोर्ट में मामले की CBI जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने हत्याारों को सजा दिलाने की भी मांग भी की। परिजनों ने कहा कि यह बेहद ही घटिया हरकत है। इस मामले के बाद परिवार का लालन पोषण करने के लिए शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और उनके बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार को उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उन्हें इस बात का आश्वासन नहीं मिल जाता, तब तक वो SHO अश्विनी कुमार का दाह संस्कार नहीं करेंगें।