PM Modi ने किसान कानून के बारे में देश को किया संबोधित, कहा – किसानों को नए बाजार मिलेंगे और तकनीकी तक पहुंच होगी
Prime Minister Narendra Modi ने शनिवार को किसानों को लेकर बातचीत की। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले किसानों के लिए नए बिल पास किए थे। जिस पर आज पीएम ने कहा है कि ये नए कानून किसानों और क्षेत्रों के बीच की दीवारों को खत्म करेंगें। PM Narender Modi ने कहा कि जो नए कृषि कानून है उससे किसानों को नया बाजार प्राप्त करने में मदद मिलेगी। अब किसानों के पास अपनी उपज को मंडियों के साथ-साथ बाहरी पार्टियों को बेचने का विकल्प मिलेगा।
PM Narender Modi ने इस वार्ता में कहा कि कृषि क्षेत्र और संबंधित क्षेत्रों के बीच की सभी दीवारों को अब हटा दिया गया है क्योंकि “हाल ही में किए गए कृषि सुधार किसानों को नए बाजार देंगे, प्रौद्योगिकी तक पहुंच और कृषि में निवेश लाने में मदद करेंगे जिससे उन्हें लाभ होगा।”
Pm Modi ने कहा कि “हमने कृषि क्षेत्र और अन्य संबंधित क्षेत्रोंको बड़े ध्यान से देखा है – चाहे वह कृषि का बुनियादी ढांचा हो, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण या कोल्ड चेन हो। अब सरकार के ये नए बिल सभी दीवारों और बाधाओं को हटा देंगें। कोल्ड स्टोरेज के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसके परिणामभी जल्द ही सामने आएंगें। हम कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश करने की कोशिश करेंगें। किसानों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा। किसानों के पास मंडियों के साथ-साथ बाहरी पार्टियों में भी अपनी फसल बेचने के विकल्प मिलेंगें।
PM Narender Modi ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि भारत में कोरोनोवायरस-की स्थिति बदल गई है और अब देश के पास रिकवरी का रोडमैप है। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकेतक उत्साहजनक हैं और संकट के समय राष्ट्र ने जो सबक सीखा है, उससे भविष्य के संकल्पों को बल मिला है।
शनिवार को फिक्की की 93 वीं वार्षिक आम सभा और वार्षिक सम्मेलन में उद्घाटन भाषण को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए, PM Narender Modi ने कहा, “20-20 के मैच में हमने बहुत सी चीजें तेजी से बदल रही हैं। लेकिन 2020 ने सभी को प्रभावित किया। इस साल राष्ट्र और पूरी दुनिया ने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं।”
“आज से कुछ साल बाद हम कोरोना के इस काल को याद करेंगें, तो शायद हमें विश्वास नहीं होगा। यह बिमारी फरवरी-मार्च में देश में शुरू हुई, तब हम एक अज्ञात दुश्मन से लड़ रहे थे। उस समय हमारे पास उत्पादन, रसद, अर्थव्यवस्था जैसे कई मुद्दे सामने आए थे।”
उन्होंने कहा लेकिन साल के अंत में अब स्थिति बदल रही है। संकट के समय राष्ट्र द्वारा सीखी गई बातें भविष्य के संकल्पों को और मजबूत करती हैं। हमारे लिए यह अच्छी बात है कि चीजें तेजी से सुधर रही हैं। “आत्मनिर्भर भारत अभियान हर क्षेत्र में तेजी से जोर पकड़ रहा है। भारत के सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने पर बल इसलिए दिया जा रहा है ताकि भविष्य में हमें दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त हो सके।”
किसानों के लिए केंद्र सरकार ने सितंबर में 3 नए कानून पारित किए थे, जिसके खिलाफ देश भर के हजारों किसान पिछले 17 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच किसान और केंद्र के बीच छः बैठक हुई और सभी की सभी असफल रही।