जल्द ही पेट्रोल, डीजल के दामों में आ सकती है गिरावट; ये है असली वजह
साल की शुरुआत से पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छुए हुए थे। लगातार बढ़ती कीमत के बाद मार्च में दामों में कुछ गिरावट आई। हालांकि, कटौती होने के बाद भी ये आम आदमी को राहत देने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
अप्रैल में अब तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगी देश की मदद से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती को बनाए रखने के लिए सहमत हुए हैं। यानी की अब हम यह उम्मीद लगा सकते हैं कि बहुत ही जल्द पेट्रोल और डीजल के दाम कम हो सकते हैं।
तेल उत्पादक देशों ने बताया कि हमने मई से लेकर जुलाई तक प्रति दिन 2 मिलियन बैरल से उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उठाया है, क्योंकि अभी सभी देश COVID-19 महामारी से उबर रहे हैं। पेट्रोल और डीजल का दाम इतना अधिक इसलिए बढ़ा था, क्योंकि कोरोना महामारी के चलते ओपेक देशों ने उत्पादन में कटौती कर दी थी। यही कारण है कि उत्पादन में कमी आने से कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ गई थीं।
तेल उत्पादन बढ़ाने को लेकर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ओपेक मई में प्रति दिन 3.5 मिलियन बैरल, जून में 3.5 मिलियन और जुलाई में 4 मिलियन बैरल प्रति दिन करेगा। इस बीच, सऊदी अरब ने कहा कि वह प्रति दिन 10 मिलियन बैरल प्रति दिन अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम करेगा।
अगर कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि होती है, तो जाहिर सी बात है कि इस से मूल्य में भी कमी आएगी, जिसका सीधा असर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दिखाई देगा।
भारत में कच्चे तेल के मामले में आयात के लिए दूसरे देशों परकाफी हद तक निर्भर है। भारत अपनी तेल आवश्यकता का 80 सेंट से अधिक आयात करता है।
जानकारी के लिए बता दें, कि मार्च 2020 से कीमतों में उछाल देखा गया था। क्योंकि उस समय पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैली हुई थी और ज्यादातर उत्पादन में कमी देखी गई थी और साथ ही वाहनों का इस्तेमाल भी रुक गया था। इस समय कच्चे तेल की डिमांड कम होने के कारण इसकी कीमत में गिरावट आई थी। उस समय कच्चे तेल की कीमतें 30 डॉलर प्रति बैरल हो गई थीं। लेकिन अब कच्चे तेल की कीमत $64 से ऊपर हैं।