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किसानों का विरोध पांचवें दिन भी जारी, सिंघू, टिकरी सीमाओं को पूरी तरह से किया गया बंद; गाजीपुर में सुरक्षा कड़ी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों में कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। शनिवार रात अमित शाह ने  दिसंबर को बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। जिसे कल यानी रविवार को किसानों द्वारा ये कहकर ठुकरा दिया गया था कि शर्ते लगाना किसानों का अपमान है। अब किसान विरोध प्रदर्शन के रूप में अवरोधक दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार को कहा कि टिकरी और सिंघू (दिल्ली-हरियाणा) सीमा को किसी भी यातायात आंदोलन के लिए बंद कर दिया गया है।

रविवार देर रात को किसान गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) सीमा पर रुके हुए थे। इतना ही नहीं, किसानों का एक समूह सड़क पर सोता हुआ देखा गया, जबकि अन्य लोग ठंड की रात में अलाव के चारों ओर एक समूह में निकट बैठे देखे गए थे। उत्तराखंड के किसान खेत कानूनों के विरोध में ‘दिल्ली चलो’ में शामिल हुए और गाजीपुर पहुंचे। खबरों के अनुसार, उन्होंने दिल्ली पुलिस द्वारा सीमा पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ दिया।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट किया, “टिकरी बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद है। जबकि हरियाणा के जरोडा, धंसा, दौराला Jhatikera, बदूसरी, कपासेड़ा राजकोडी NH 8, Bijwasan/Bajghera, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर्स सोमवार से उपलब्ध हैं।

NH 44 और दिल्ली सिंघु बॉर्डर की सीमाओं को लेकर यातायात पुलिस ने अपने आधिकारिक पेज पर ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा लोगों को एक स्थान से दूसरे पर जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सिंघू सीमा अभी भी दोनों ओर से बंद है। 

दिल्ली यातयात पुलिस अपने पेज पर लिखती है कि कृपया एक वैकल्पिक मार्ग लें। सिंघू सीमा अभी भी दोनों ओर से बंद है। मुकरबा चौक और जीटीके रोड से ट्रैफ़िक को डायवर्ट किया गया है। ट्रैफ़िक बहुत भारी है। सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, जीटीके रोड पर जाने के लिए कृपया बाहरी रिंग रोड से बचें।

किसान दिल्ली और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर पिछले काफी समय से विरोध कर रहे हैं।लेकिन 27 नवंबर को दिल्ली चलो आंदोलन के बाद से मामले ने बहुत ही बड़े आंदोलन का रूप ले लिया। जिससे सरकार को बड़े कदम उठाने पड़े, जिसमें किसानों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले और पानी बोझार का इस्तेमाल करना पड़ा। मामले को बिगड़ता देख अमित शाह ने शनिवार को एक ब्यान में किसानों से 3 दिसंबर को वार्ता आयोजित करने की केंद्र सरकार की पेशकश ली। लेकिन किसानों ने  बातचीत शुरू करने के लिए शर्तें लगाना उनके लिए अपमान है कहकर ठुकरा दिया।

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार देर रात भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के आवास पर बैठक की।
किसानों ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा 3 दिसंबर को होने वाले बातचीत प्रस्ताव को ठुकराया; कहा – शर्ते लगाना है उनके लिए अपमान

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