प्रियंका गांधी से मिलने पहुचेंगे राहुल गांधी, कोंग्रेस का मार्च निकलने से पहले ही फंसा विवाद में
कोंग्रेस की अगवाई में निकलने वाले मार्च को कोई भी मंजूरी नही दी गयी है, साथ ही में राहुल गांधी ने ट्वीट करके सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा कि “भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं, इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता किसानों का साथ देना होगा।”
कोंग्रेस के तीन नेता के साथ राहुल गांधी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे है। उसके बाद आज कोंग्रेस के नेता राहुल गांधी की अगवाई में निकलने वाले मार्च को इजाजत नही दी गयी है। उसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेता को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी के बाद प्रियंका गांधी का कहना था की मोदी सरकार अपनी ही जिद पूरी कर रही है, आज जो भी सरकार से सवाल करता है, उन्हें देशद्रोही बताया जाता है। प्रियंका ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के मन में किसानों के लिए कोई सम्मान नही है। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से कहा कि इन कानूनों से किसानों को नुकसान होने वाला है, देश को दिख रहा है कि किसान इस कानून के खिलाफ खड़ा है। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटने वाला नहीं है, जबतक कानून वापस नहीं होगा तबतक कोई वापस नहीं जाने वाला। सरकार संसद का संयुक्त सत्र बुलाए और इन सभी कानूनों को तुरंत वापस लें। साथ ही में कहा कि आज किसान दुख और दर्द में हैं, कुछ किसानों की मौत भी हुई है।
उसके थोड़ी देर ही बाद प्रियंका गांधी समेत कई नेताओ को रिहा कर दिया गया है। साथ ही साथ कानून वापिस लेनें के लिए किसानों का दबाव और बढ़ता जा रहा है। कृषि कानून के मामले में किसानों के आंदोलन के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर खट्टर ने एक बयान भी दिया है। मनोहर खट्टर ने बोला कि आजकल हम तमाशा देख रहे हैं, कानून रद्द करने के लिए लोग दबाव बना रहे हैं।क्या ये डेमोक्रेसी है, ऐसे काम नही चलेगा। सभ्य तरीके से हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है।
जानकारी के मुताबिक सरकार के कृषिमंत्रालय द्वारा किसानों को एक और चिट्ठी लिखी गयी है। कृषिमंत्रालय ने कहा की सरकार किसानो की हर मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार है, अभी भी बातचीत को महत्व देते हुए सारे रस्ते खुले हुए है।
अब देखना ये है की मंजूरी न मिलने के बाद भी क्या कोंग्रेस अपने मार्च को जारी रखेगा??