झांसी में हुई नन उत्पीड़न की घटना में होगी कड़ी कार्यवाही: अमित शाह
‘जबरन धर्म परिवर्तन’ को लेकर यूपी के झांसी में ट्रेन रोकने को मजबूर हुई नन के मामले में भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने आज बड़ा ब्यान दिया है। अमित शाह ने इस पुरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना पर पूर्णत जांच होगी और यह भी वादा किया कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह बात उन्होने बुधवार को एक चुनावी रैली के दौरान कही। गृह मंत्री ने कहा, “झांसी के नन की उत्पीड़न की घटना में शामिल लोगों को कानून के सामने लाया जाएगा।”
दरअसल यह मामला दो नन को लेकर हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों द्वारा पिछले शुक्रवार (19 मार्च) को उत्तर प्रदेश के झांसी में दो नन को दो दीक्षार्थी के साथ औरतों को जबरन ट्रेन में चढ़ने के लिए मजबूर करते हुए देखा था।
ऐसी रिपोर्ट सामने आई है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा नन को कथित रूप से परेशान किया गया था। ABVP राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा है, जो भाजपा का वैचारिक संरक्षक है।
एबीवीपी के एक कार्यकर्ता अजय शंकर तिवारी जो उसी न में यात्रा कर रहे थे ने आरोप लगाया कि उन्होंने दो नन को युवा लड़कियों से बात करते हुए देखा था। उनकी बातों से मुझे ऐसा संदेह हुआ कि वे उनका धर्म बदलवाने की कोशिश कर रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने अपने साथी एबीवीपी कार्यकर्ताओं और हिंदू जागरण सदस्यों को बारे में सुचना दी। खबर मिलते ही वो झांसी स्टेशन पर ट्रेन से ननों को उतारने के लिए पहुँच गए।
इसके तुरंत बाद, स्थान पर रेलवे पुलिस भी पहुंच गई। उन्होंने शिकायत पर दोनों ननों को खिरफ्तार कर लिया और उन्हें थाने ले गई। हालाँकि, जब पुलिस ने ननों और उनके पोस्ट-कॉउन्स की जांच की, तो उन्होंने पाया कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उन पर गलत इल्जाम लगाए हैं। दोनों पोस्ट-वे 2003 में जारी किए गए बपतिस्मा कार्ड ले जा रहे थे, जिसमें पाया गया कि वो दोनों बचपन से ही ईसाई धर्म की थी और उन्होंने कभी भी धर्म परिवर्तित नहीं किया था।
मामले को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार, 24 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा। उन्होंने इस पत्र में चौंकाने वाली घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पिनाराई विजयन ने पत्र में कहा कि ननों को लगभग 150 बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने परेशान किया और उनको डराया धमकया भी गया था। इतना ही नहीं, रेलवे पुलिस ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
केरल के सीएम ने शाह को पत्र पढ़ा “बताया गया है कि महिला पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी के बिना झांसी पुलिस द्वारा नन और पोस्ट-ट्रेन को जबरदस्ती ट्रेन से हटा दिया गया था और ननों को अपने आधार कार्ड दिखाने के बावजूद, पुलिस ने उन कार्डों को स्वीकार नहीं किया, जिनमें कहा गया था कि वे नकली हैं।” उच्च अधिकारियों के साथ मामला उठाए जाने के बाद और लखनऊ पुलिस के आईजी के हस्तक्षेप के बा’द, नन और पोस्टुलेट्स को पुलिस स्टेशन से लगभग 11 बजे जारी किया गया था।
पिनारयी विजयन ने आगे कहा कि इस घटना ने भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया और देश की छवि और धार्मिक सहिष्णुता और व्यवहार की प्राचीन परंपरा को कलंकित किया। केरल के सीएम ने केंद्रीय गृह मंत्री से भी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की अपील की।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, बाद में अधिकारियों से अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने करने का निर्देश देने का आग्रह किया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।