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Shaheen Bagh Protest के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला; कहा – सार्वजनिक स्थानों को ब्लॉक करने की इजाजत नहीं

दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। विरोधी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के पास होने के बाद पिछले साल दिसंबर से ही लोग शाहीन बाग में एक सड़क ब्लॉक करके उस पर प्रदर्शन कर रहे थे। हाई कोर्ट ने प्रदर्शन के खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा सार्वजनिक स्थानों को ब्लॉक करने की इजाजत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ये बात स्वीकार की है कि सार्वजनिक स्थान पर अनिश्चित काल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है। 

अदालत ने ये भी कहा कि धरना-प्रदर्शन का अधिकार अपनी जगह है लेकिन ब्रिटिश शासन के तहत इस तरह की हरकतें करना सही नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा CAA के विरोध करने के लिए बहुत जयादा संख्या में लोग पहुंचे थे। प्रदर्शनकारियों ने आने जाने वाले रास्ते को ब्लॉक कर दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपने अलग-अलग फैसले दिए हैं। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कह दिया कि सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर लम्बे समय तक कब्जा नहीं किया जा सकता।

अपना फैसला लोगों के सामने रखते हुए कोर्ट ने कहा कि विरोध जताने के पब्लिक प्लेस या रास्ते को अवरोध करना गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की हरकतें करना उचित नहीं है, ऐसी स्तिथि पर लोगों के बारे में विचार किया जाना चाहिए। अधिकारियों को इस तरह के अवरोध को हटाना चाहिए। यदि विरोध प्रदर्शन करना ही है, तो उसके लिए एक उचित जगह का चुनाव किया जाना चाहिए। इस तरह से सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन करना लोगों के अधिकारों का हनन है और कानून इसके लिए कोई इजाजत नहीं देता।

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हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में इस तरह के प्रदर्शन की निंदा की और कहा आवागमन को रोकना या उसे ब्लॉक नहीं किया जाना चाहिए। शाहीन बाग में जो मध्यस्थता के प्रयास किए गए वो भले ही सफल न हुए हों, लेकिन हमें इस पर कोई पछतावा नहीं है। सार्वजनिक बैठक से लोगों को मना तो नहीं किया जा सकता, लेकिन उन्हे प्रदर्शन करने के लिए उचित जगह चुननी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी  कहा कि भारत का संविधान विरोध करने का अधिकार देता है लेकिन इसे अपने कर्तव्यों के साथ भी जोड़ कर देखा जाए तो बेहतर होगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में लोगों ने पिछले साल से दिल्ली के शाहीन बाग में यह प्रदर्शन शुरू किया था। इस प्रदर्शन में लोग 100 दिनों से ज्यादा दिन तक धरने पर बैठे थे। इसके बाद से देश में कोरोना वायरस के कारण लगे लॉक डाउन में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने का आदेश दिया था। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी उनसे अपील की थी।

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