Corona

चमगादड़ के अंदर है Corona का इलाज, थम जाएगी उम्र, नहीं आएगा बुढ़ापा

शुरू से ही Corona Virus के लिए चमगादड़ों को जिम्मेदार माना जाता रहा है। हालांकि, अभी तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर इस महामारी की वजह क्या थी? लेकिन अब चमगादड़ों को ही कोविड-19 का इलाज बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, यह आपकी उम्र को धीमा करके बुढ़ापे को भी रोक सकता है।

ऐसा Cell जर्नल पर छपी रिसर्च (ref.) का दावा है। शोधकर्ताओं ने देखा कि चमगादड़ों के अंदर सार्स-सीओवी-2 की तरह कई सारे वायरस और अन्य पैथोजन होते हैं, जो इंसानों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। लेकिन चमगादड़ों पर इनका कोई असर नहीं होता और वे सामान्य रूप से जीते रहते हैं। इसी विचार से शोध की शुरुआत हुई।

चमगादड़ों के अंदर है शक्तिशाली प्रोटीन

जब कोई वायरस या पैथोजन शरीर में दाखिल होता है तो इम्यून सिस्टम इंफ्लामेशन पैदा करके उसे नष्ट करने की कोशिश करता है। लेकिन उसके असफल होने पर इंफ्लामेशन बढ़ती जाती है। चमगादड़ों में इसी इंफ्लामेशन को रोकने का काम ASC2 प्रोटीन करता है। जिससे उन्हें कोई बीमारी नहीं होती।

ऐसे करता है काम

शोधकर्ताओं का मानना है कि ASC2 प्रोटीन कोरोना (corona) जैसे अन्य इंफेक्शन के कारण हुई इंफ्लामेशन को कम कर सकता है। उन्होंने चूहों में शोध करके इसे इंफ्लुएंजा जैसे कुछ वायरस के खिलाफ असरदार पाया। यह प्रोटीन खतरनाक इंफ्लामेशन पैदा करने वाले इंफ्लामेसोम को रोक देता है।

यही है ‘जवानी’ का राज

बुढ़ापे में शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है और कई सारे रोग घेर लेते हैं। लेकिन अगर शरीर में इंफ्लामेशन लंबे समय से बढ़ी हुई है तो ये सारी समस्याएं जवानी में ही बुढ़ापे का एहसास करा सकती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि चमगादड़ों में मौजूद ये प्रोटीन एंटी-एजिंग काम भी करता है और इसके लक्षणों को दूर रखने में मदद करता है।

एंटी-इंफ्लामेटरी फूड से रोकें बुढ़ापा

चूंकि, कम उम्र में बुढ़ापे के लक्षण दिखने के पीछे इंफ्लामेशन होती है। जो कि किसी बीमारी या अस्वस्थ जीवनशैली के कारण हो सकती है। इसलिए एंटी-इंफ्लामेटरी फूड्स को एंटी-एजिंग फूड माना जाता है। जो कि इंफ्लामेशन कम करके बुढ़ापे में भी जवानी जैसी सेहत रखने में मदद करते हैं।

पपीता
ब्रॉकली
पालक
हल्दी
शकरकंद

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