COVID-19-2021

भारत में जनवरी 2021 में COVID-19 के खिलाफ लड़ने वाली वैक्सीन का टीकाकरण हो सकता है शुरू; स्वास्थ मंत्री ने दी जानकरी

कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशान है। इस वायरस को विश्वभर में फैले लगभग एक साल होने को आया है, लेकिन ये माहमारी है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। कुछ मेडिकल कंपनियां हैं, जो लगातार इस बिमारी की दवा बनाने में दिन रात बीजी हैं। कुछ देशों में दवाई का वितरण भी जल्द शुरू हो जाएगा। भारत में जनवरी में COVID-19 Vaccine का टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि सरकार की पहली प्राथमिकता वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता है और इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जनवरी तक वैक्सीन आ जाएगी।

उन्होंने अपने ब्यान में कहा कि “मैं व्यक्तिगत रूप से यह कह सकता हूँ कि जनवरी में किसी भी चरण या किसी भी सप्ताह  में ऐसा हो सकता है। वो कोई भी सप्ताह हो सकता है, जब हम भारत के लोगों को पहला COVID वैक्सीन शॉट देने की स्थिति में हो सकते हैं।

जब ANI न्यूज़ एजेंसी ने उनसे कोरोनावायरस के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि जिन टीकों ने आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है, उनका विश्लेषण नियामक द्वारा किया जा रहा है। अगर हम बात करें COVID-19 Vaccine और रिसर्च की तो भारत किसी भी देश से कम नहीं है। हमारी पहली प्राथमिकता वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता रही है। हम नहीं चाहते कि इसमें किसी को भी नुक्सान हो। हमारे लिए पहले सुरक्षा होना जरुरी है और इसलिए हम गंभीरता से विश्लेषण कर रहे हैं। 

मंत्री ने शनिवार को न्यूज़ एजेंसी को बताया कि देश के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्वदेशी वैक्सीन के विकास पर काम  कर रहे हैं और आने वाले कुछ महीनों में भारत में लगभग 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी। 

COVID-19 Vaccineपर 22 वें Group of ministers (GoM) की बैठक में कहा गया कि “हमारे वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञ  लगातार कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने एक स्वदेशी टीके का विकास किया है जो जीनोम अनुक्रमण और कोरोनावायरस को अलग करता है। आने वाले 6-7 महीनों में, हमारे पास लगभग 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की क्षमता होगी।”

भारत में फिलहाल छः ऐसी कंपनियां है जो COVID-19 के लिए नैदानिक परीक्षण चरणों पर काम कर रही हैं। Covishield, Covaxin, ZyCoV-D, Sputnik V, NVX-CoV2373 और Ecombinant Protein Antigen-based वैक्सीन शामिल हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि इन छः कंपनियों के अलावा हमारे भारत में तीन और ऐसी कंपनियां है COVID-19 Vaccine के प्री-क्लिनिकल चरण में काम कर रही हैं। इसमें से अरबिंदो फार्मा अपने शोध-विकास चरण में हैं।

Group-of-ministers-(GoM)

Drugs Controller General of India, “भूषण ने कहा  कि कुल मिलाकर छह टीके नैदानिक परीक्षण चरण में शामिल हो गए हैं और तीन अपने पूर्व-नैदानिक चरण में हैं। उनमें से कुछ आने वाले हफ्तों में लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन हम इस समय को पूर्व निर्धारित नहीं कर सकते हैं क्योंकि लाइसेंस राष्ट्रीय पर्यवेक्षक का डोमेन है।

उन्होंने इस बारे में आगे जानकारी देते हुए कहा, “ये टीके दो से तीन खुराक के होते हैं। टीकाकरण के बाद भी हमें बहुत सी सावधानियां बरतनी होंगी।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा निर्मित कोवाक्सिन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह चरण 3 परीक्षणों में है और एक निष्क्रिय वायरस प्लेटफॉर्म पर है। उन्होंने दवा को लेकर आपातकालीन उपयोग करने के लिए मंजूरी का आवेदन भी किया है।

इस महीने की शुरुआत में यूनाइटेड किंगडम आपातकालीन मरीजों के लिए फाइजर और बायोएनटेक के उपयोग को अधिकृत करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
इस महीने की 2 दिसंबर को, आपातकालीन प्रयोजनों के लिए Pfizer and Bioentech के उपयोग किया गया है। यह ब्रिटेन देश में बनी वैक्सीन है। यह दुनिया का पहला देश है जिसे टीकों की डिलीवरी के लिए मंजूरी मिली है।

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