इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की वीसी ने लाउडस्पीकर पर अज़ान होने को लेकर जताई आपत्ति, DM को लिखा शिकायत पत्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति Pro.Sangita Srivastava ने जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र लिखा है। इस पत्र की खबर ने ही खलबली मचा दी है। दरअसल श्रीवास्तव ने इस पात्र में अपने आस-पास की मस्जिद से अजान के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को शिकायत की है। उन्होंने कहा कि हर सुबह जब जोर-जोर से अजान होती है, तो इस कारण से उनकी नींद खराब हो जाती है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले का उल्लेख करते हुए, Pro.Sangita Srivastava ने कहा कि संबंधित मस्जिद को अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से रोकने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए।
श्रीवास्तव ने अपने इस पत्र में लिखा कि “हर दिन सुबह लगभग 5.30 बजे, आसपास की मस्जिद में मौलवी द्वारा माइक पर जोर से अज़ान के कारण मेरी नींद में खलल पड़ता है। बहुत परेशान करने की कोशिश के बाद भी नींद पूरी नहीं होती है। यह पूरे दिन सिरदर्द का कारण बनता है, जिससे काम के घंटों का नुकसान होता है।

Pro.Sangita Srivastava ने आगे लिखा “आपकी स्वतंत्रता समाप्त होती है, जहां मेरी नाक शुरू होती है,” मैं किसी भी धर्म, जाति या पंथ के खिलाफ नहीं हूं, वे माइक के बिना अज़ान कर सकते हैं ताकि अन्य लोग परेशान न हों। ईद से पहले ही वे सुबह 4.00 बजे माइक पर सेहरी की घोषणा करते हैं। यह अभ्यास अन्य लोगों को भी परेशान करता है।”
जनवरी 2020 में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि कोई भी धर्म पूजा के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की वकालत नहीं करता है। याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक प्रशासनिक आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अज़ान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा था, “कोई भी धर्म में यह बात नहीं कही गई है कि आवाज एम्पलीफायरों के माध्यम से या ड्रम बजाकर ही प्रार्थना करने की जरुरत है। अगर ऐसी कोई प्रथा है, तो इससे दूसरों के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए। आपके पूजा पाठ करने के तरिके से अन्य को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
इसी तरह से पहले भी एक मामला सामने आया था। बॉलीवुड के गायक Sonu Nigam ने भी अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर आपत्ति जताई थी। यह केस साल 2017 का है, जब Sonu Nigam ने सोशल मीडिया पर आकर एक पोस्ट साझा की थी। जिसके बाद ही सोशल मीडिया पर काफी बवाल मच गया था।

Sonu Nigam ने सुबह की अज़ान को “जबरन धार्मिकता” कहते हुए ट्विटर पर एक पोस्ट डाली थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि “भगवान सब पर कृपा करे। मैं मुसलमान नहीं हूं और मुझे सुबह अजान से जागना होगा। भारत में यह धार्मिकता कब समाप्त होगी।”
ट्वीट के बाद मामला काफी जोर पकड़ गया और इस बारे में राय विभाजित हो गई, एक मुस्लिम धर्मगुरु ने Sonu Nigam के सिर का मुंडन करने वाले को 10 लाख रुपये का फतवा जारी किया। गायक ने जवाब में खुद ही अपने सारे बाल काट दिए।
इलाहाबाद वीसी के मामले में, पुलिस के डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और डीएम भानु चंद्र गोस्वामी से जब पूछा गया कि क्या उन्हें इस तरह का कोई पत्र मिला है, तो उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि हाँ उन्हें ऐसा एक पत्र मिला है। अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे को कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार संबोधित किया जा रहा है।
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