Biparjoy Cyclone

Biparjoy Cyclone: 15 जून को कहर बरपा सकता है ‘बिपरजॉय’! केंद्र सरकार ने लिया तैयारियों का जायजा, NDRF-SDRF टीमें हो रहीं तैनात

Biparjoy Cyclone Latest Update: प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ की चुनौतियों से निपटने के लिए गुजरात सरकार कई एहतियाती कदम उठा रही है. वहीं, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने चक्रवात के प्रभावों से निपटने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और गुजरात प्रशासन की तैयारियों का रविवार (11 जून) को जायजा लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

चक्रवात ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है और उसके 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले से लेकर पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है. मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव ने चक्रवात संबंधी तैयारियों को जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की।

आपदा प्रबंधन कानून के अनुसार, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति देश में आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न नीतियों और योजनाओं के निर्माण के लिए जिम्मेदार है. चक्रवात ‘बिपरजॉय’ (Biparjoy Cyclone) के प्रभावों से निपटने में गुजरात प्रशासन की मदद करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षकों के दल और उपकरण आदि पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं।

गुजरात सरकार ने उठाए एहतियाती कदम

प्रवक्ता ने बताया कि गुजरात सरकार ने चक्रवात ‘बिपरजॉय’ (Biparjoy Cyclone) के प्रभावों से निपटने के लिए हरसंभव एहतियाती कदम उठाए हैं और चक्रवात के टकराने के बाद सेवाओं की फिर से बहाली के लिए पूरी तरह तैयार है. गुजरात के मुख्य सचिव, केंद्र सरकार के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों, भारत मौसम विज्ञान विभाग और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों आदि ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
गुजरात सरकार NDRF के अलावा राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है और छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। तूफान तटीय इलाके में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी।

13 से 15 जून के बीच गुजरात के ये इलाके हो सकते हैं प्रभावित

एक अधिकारी ने रविवार (11 जून) को बताया कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है।

कितनी स्पीड से चलेगी हवा?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ और कराची तट से 15 जून को दोपहर 125-130 किमी प्रति घंटा से लेकर 150 किमी प्रति घंटा तक की गति वाली हवा के साथ चक्रवात के गुजरने की अत्यधिक संभावना है।

CM भूपेंद्र पटेल ने की अधिकारियों संग बैठक

राहत आयुक्त आलोक पांडे ने मीडिया से कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तटीय जिलों के जिलाधिकारी, सेना, नौसेना और भारतीय तटरक्षक के प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की है. पांडे ने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तटीय जिलों में चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए पहले से तैयारी करें और समन्वय स्थापित करें।

उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव से निपटने के लिए गुजरात सरकार तटीय क्षेत्रों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीम को तैनात कर रही है. साथ ही, सरकार तट रेखा से 5-10 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए छह जिलों में आश्रय स्थल स्थापित करेगी।

राहत आयुक्त ने CM की बैठक के बारे में दी ये जानकारी

पांडे ने कहा, ‘‘बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले जिलों के जिलाधिकारियों के साथ समन्वय में अधिकतम संभव राहत और बचाव कार्य करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने यह जिम्मेदारी तटीय जिलों के वरिष्ठ मंत्रियों को दी है, जो चक्रवात के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन कार्य की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में स्थानीय प्रशासन की मदद करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में ऋषिकेश पटेल, कानूभाई देसाई, राघवजी संघवी, जगदीश विश्वकर्ता और पुरषोत्तम सोलंकी को उन जिलों में पहुंचने का निर्देश दिया है, जहां की उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है।

IMD ने इन जगहों पर बारिश की संभावना जताई

आईएमडी ने कच्छ, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरी जिलों में 14 और 15 जून को भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है. आईएमडी ने बुलेटिन में कहा कि 14 जून को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने और प्रभावित जिलों में 15 जून को छिटपुट स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वी मध्य अरब सागर के ऊपर सक्रिय बिपरजॉय (Biparjoy Cyclone) रविवार शाम साढ़े चार बजे आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया. आईएमडी ने प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने की सलाह दी है और मछुआरों को 12 से 15 जून के बीच मध्य अरब सागर और उत्तरी अरब सागर और 15 जून तक सौराष्ट्र-कच्छ तटों के पास न जाने का निर्देश दिया गया है।

मौसन विभाग ने दी ये सलाह

आईएमडी ने समुद्र में उतरे लोगों को तट पर लौटने और अपतटीय और तटवर्ती गतिविधियों को विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की सलाह दी है. इसने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट से लगे समुद्र में जल बुधवार तक अस्थिर रहेगा और गुरुवार को यह और बढ़ जाएगा। मौसम विभाग ने कहा, ‘‘उपरोक्त जानकारी के मद्देनजर, राज्य सरकारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखें, नियमित रूप से स्थिति की निगरानी करें और उचित एहतियाती कदम उठाएं. जिला अधिकारियों को स्थिति के अनुसार कदम उठाने की सलाह दी जाती है।

कांडला बंदरगाह से छह जहाज हुए रवाना

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गुजरात के कांडला में दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी के पीआरओ ओम प्रकाश ने रविवार को बताया, ”छह जहाज आज बंदरगाह से रवाना हुए और 11 और जहाज कल रवाना होंगे. बंदरगाह के अधिकारियों और जहाज मालिकों को सतर्क रहने को कहा गया है. कांडला के निचले इलाकों में रहने वालों को गांधीधाम में अस्थायी आश्रय स्थलों में ले जाया जा रहा है।

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