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Elon Musk की तीसरी ‘अग्निपरीक्षा’, दुनिया का सबसे भारी रॉकेट ‘स्‍टारशिप’ फ‍िर उड़ने को तैयार, देखें

Elon Musk की कंपनी स्‍पेसएक्‍स (SpaceX) एक बार फ‍िर तैयार है। दुनिया का सबसे भारी रॉकेट ‘स्‍टारशिप’ फ‍िर से लॉन्‍च पैड पर पहुंच गया है। इसकी पिछली दो उड़ानें विफल रही हैं, क्‍योंकि लॉन्चिंग के बाद रॉकेट में तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी और मिशन कंट्रोलर को उसे ब्‍लास्‍ट करना पड़ा। क्‍या तीसरी उड़ान में यह कामयाब होगा? दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां इस सवाल का जवाब चाहती हैं। अगर ‘स्‍टारशिप’ अपने लॉन्‍च में कामयाब होता है तो भविष्‍य में इंसानों को चांद और वहां से मंगल ग्रह तक भेजने की राह आसान हो जाएगी।

स्‍पेसएक्‍स ने लेटेस्‍ट स्‍टारशिप रॉकेट को अमेरिका के टेक्‍सास में स्‍टारबेस लॉन्‍च पैड पर पहुंचा दिया है। कंपनी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स’ पर इससे जुड़ी तस्‍वीरें शेयर कीं और इसे मील का पत्‍थर बताया।

रॉकेट की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके दो प्रमुख एलिमेंट हैं। पहला है- सुपर हैवी बूस्‍टर और दूसरा स्‍टारशिप अपर स्‍टेज जोकि 165 फुट लंबा है। यह स्‍पेसएक्‍स की तीसरी स्‍टारशिप टेस्‍ट फ्लाइट होगी। कंपनी को उम्‍मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में टेस्‍ट फ्लाइट काे उड़ाया जाएगा। स्‍पेसडॉटकॉम के अनुसार, हालांकि अभी तक अमेरिकी प्रशासन से टेस्‍ट की मंजूरी नहीं मिली है।

रिपोर्ट कहती है कि तीसरी उड़ान के लिए स्‍पेसएक्‍स को लाइसेंस कब मिलेगा, यह जानकारी नहीं है। अमेरिका का FAA इस बात की जांच कर रहा है कि दिसंबर में लॉन्‍च हुई दूसरी स्‍टारशिप उड़ान में ऐसा क्‍या हुआ, जोकि 8 मिनट बाद उसमें विस्‍फोट हो गया।

स्‍टारशिप को पहली बार पिछले साल अप्रैल में उड़ाया गया था। लॉन्चिंग के वक्‍त ही रॉकेट थरथराता हुआ दिखा था और कुछ मिनटों में ही वह विस्‍फोट कर गया था। तब कहा गया कि मस्‍क अपने मकसद में फेल हो गए हैं। लेकिन उनकी कंपनी पीछे हटने काे तैयार नहीं है और एक के बाद एक टेस्‍ट करती जा रही है।

क्‍या है स्‍टारशिप रॉकेट

स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसमें मुख्‍य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्‍शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्‍टर। स्‍टारशिप और बूस्‍टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।

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