Board Exam

Board Exam में पढ़ने का ये तरीका है खतरनाक, खराब हो जाएगी बच्चों की सेहत, पेपर देना होगा मुश्किल

10वीं और 12वीं के CBSE Board की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। 15 फरवरी से शुरू होने वाला यह एग्जाम 2 अप्रैल तक चलेगा। 19 फरवरी से 10th और 12th की मुख्य परीक्षाएं (Board Exam) शुरू होंगी और इस वजह से बच्चे दिनभर बैठकर पढ़ रहे हैं। पैरेंट्स ने भी बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी बंद कर दी हैं और चाहते हैं कि बच्चा बस उन्हें पढ़ता हुआ नजर आए।

पैरेंट्स की चिंता लाजिमी है लेकिन घंटों-घंटों बैठकर पढ़ने की वजह से कई बच्चों की फिजिकल फिटनेस पर भी असर पड़ रहा है। डॉक्टर्स के मुताबिक सारा दिन बैठकर पढ़ने की वजह से दर्द की शिकायत लिए बच्चे आने लगे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को बच्चों का टाइम मैनेजमेंट कुछ इस तरह बनाना चाहिए जिसमें वह रिलैक्स भी कर सकें और आउटडोर एक्टिविटी भी।

घंटों लगातार पढ़ने से सिर, गर्दन और कमर में दर्द

10th क्लास के बोर्ड एग्जाम देने जा रहीं शीतल को पिछले कुछ दिनों से गर्दन में हल्का दर्द था, मगर अपनी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए वह लगातार पढ़ाई में लगी रहीं। जब दर्द असहनीय हो गया तो वह डॉक्टर के पास गईं। डॉक्टर ने बताया कि घंटों लगातार पढ़ने की वजह से यह दर्द हुआ है। मगर यह कहानी सिर्फ शीतल की नहीं है बल्कि लगातार पढ़ने वाले कई बच्चे इस तरह के दर्द से जूझ रहे हैं।

आकाश हेल्थकेयर के ऑर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डॉ. आशीष चौधरी कहते हैं, ‘जब स्टूडेंट्स लगातार 4-5 घंटों तक लगातार बैठकर पढ़ते हैं तो उनकी आंख, गर्दन और मांसपेशियों पर असर पड़ता है और दर्द शुरू हो जाता है। कई बच्चों को पैर में भी क्रैम्प की वजह से दर्द होने लगता है। इस दौरान बच्चे काफी देर तक बैठते हैं तो मोटापा आने लगता है। इस तरह की शिकायतें हर साल पैरेंट्स हमारे पास लेकर आते हैं।’

बेड पर बैठकर पढ़ना है गलत

पीएसआरआई अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर कदम नागपाल बताते हैं कि इन दिनों में बच्चों में सिरदर्द, गर्दन दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पैर, पीठ और कमर में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है। वह कहते हैं कि इसकी एक वजह बेड पर बैठकर पढ़ना भी है क्योंकि इससे गर्दन पर बहुत दबाव पड़ता है।

परफॉर्मेंस पर भी नेगेटिव असर

घंटों लगातार बैठने से सिर्फ दर्द ही नहीं होता बल्कि एग्जाम में परफॉर्मेंस पर भी असर पड़ता है। एमएम पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल रूमा पाठक कहती हैं कि कुछ बच्चे पूरा-पूरा दिन पढ़ते हैं लेकिन फिर भी उनके मार्क्स अच्छे नहीं आते क्योंकि वह फोकस से नहीं पढ़ पाते हैं। एक दिन में एक सब्जेक्ट को दो घंटे भी अगर ध्यान से पढ़ा जाए तो वह काफी असरदार हो सकता है ना कि पूरा दिन बिना फोकस के पढ़ना। इसलिए पूरा दिन पढ़ने के बजाय ध्यान से पढ़ना ज्यादा जरूरी है।

डॉक्टर आशीष चौधरी कहते हैं कि पूरे दिन में अगर कोई बच्चा 8-10 घंटा से ज्यादा पढ़ता है तो इसका फायदा उसे नहीं मिलेगा। हमारे दिमाग की भी क्षमता होती है। अगर कोई 12-15 घंटे पढ़ता है तो उसे पुराना याद नहीं रहेगा। इसलिए पूरा दिन सिर्फ पढ़ने से प्रोडक्टिविटी अच्छी नहीं होती है। एक दिन में बस 8 घंटा पढ़ना काफी होता है।

पढ़ाई के बीच ब्रेक और 8 घंटे की नींद जरूरी!

डॉक्टर्स का कहना है कि एग्जाम के इन दिनों में भी बच्चों के लिए रोज आउटडोर एक्टिविटी करना, टीवी देखना और पढ़ाई के बीच ब्रेक लेना जरूरी है। डॉक्टर कदम नागपाल कहते हैं कि एग्जाम के दिनों में फिजिकल एक्टिविटी बंद करना कोई समझदारी नहीं है। अगर बच्चे ने एक घंटे पढ़ाई की है तो 8-10 मिनट का ब्रेक जरूर ले। अगर कोई लगातार 4-5 घंटा पढ़ रहा है तो उसे एक घंटा खेलना चाहिए। आधा घंटा के लिए आउटडोर एक्टिविटी करना भी जरूरी है ताकि शरीर में किसी तरह का दर्द ना हो।

रूमा पाठक कहती हैं कि इन दिनों में बच्चों पर प्रेशर बहुत ज्यादा होता है, ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए 8 घंटे की नींद बहुत जरूरी होती है। साथ ही हर सब्जेक्ट के बीच ब्रेक जरूर लेना चाहिए। डॉक्टर आशीष चौधरी भी कहते हैं कि भले ही एक चैप्टर छूट जाए मगर नींद पूरी होनी चाहिए, वरना इसका असर एग्जाम में देखने को मिलता है।

ये टिप्स आएंगे काम

  1. फिजिकल फिटनेस के लिए घर में थोड़ा वक्त निकालकर पुशअप्स, पुलअप्स, चिनअप्स, जंपिंग जैक्स, स्क्वॉट्स और योगासन कर सकते हैं। इससे शरीर में दर्द की समस्या की संभावनाएं कम हो जाएंगी।
  2. अगर हाथ या कलाई में दर्द हो रहा है तो सॉफ्ट बॉल को दबाना आराम देगा।
  3. गर्दन में दर्द की समस्या है तो स्ट्रैचिंग, नेक रोल, शोल्डर रोल, आर्म सर्कल या माथे पर हाथ रखकर गर्दन को आगे की तरफ पुश करने वाली एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  4. पीठ या कमर में दर्द है तो लेग रेज, चेयर रोटेशन, स्पाइन ट्विस्ट और कैट स्ट्रेच एक्सरसाइज कर सकते हैं।

टाइमटेबल में जरूर हों ये चीजें

  1. रोज 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
  2. खाने में प्रोटीन और लिक्विड बढ़ाएं। कोशिश करें कि कैफीन (चाय-कॉफी) दिन में दो बार से ज्यादा ना लें।
  3. पढ़ाई को समझकर करें ना कि रट्टा मारकर।
  4. हर सब्जेक्ट को दो घंटे देकर पढ़ सकते हैं। हर सब्जेक्ट के बीच ब्रेक हो। इस तरह आप रोज हर सब्जेक्ट को समय दे पाएंगे।
  5. अगर किसी सब्जेक्ट में कमजोर हैं तो उसे थोड़ा ज्यादा समय दे सकते हैं।
  6. पढ़ाई के इन दिनों में फोन को स्विच ऑफ कर दें। फोन चेक करने का एक वक्त निर्धारित करें और सबको उसी वक्त पर कॉन्टेक्ट करने को कहें।
  7. हफ्ते में दो दिन या तीन दिन ऐसे निर्धारित करें जब आप टेस्ट पेपर सॉल्व करें। इससे तीन घंटे में पेपर सॉल्व करने की प्रैक्टिस होगी।
  8. अगर ज्यादा सवाल एक बार में नहीं तैयार होते तो टीचर से पूछकर महत्वपूर्ण प्रश्नों की लिस्ट बनाएं और उनमें से चुनकर तैयारी करें।

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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