India Russia Relation

India Russia Relation: भारत और रूस के रिश्ते किस ओर जा रहे हैं? क्या तेल की सप्लाई रुक जाएगी

India Russia Relation: भारत और रूस के रिश्तों को लेकर इन दिनों चर्चा हो रही है. ये चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि पिछले दिनों शंघाई शिखर सम्मेलन (एससीओ समिट) में हिस्सा लेने गोवा आए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के तेवर काफी तीखे देखने को मिले।उन्होंने कहा था कि रूस के साथ रिश्ते बरकरार रखने के लिए भारत दूसरे ऑप्शन्स का भी लुत्फ उठाना चाहता है।वो इस दिशा में प्रयास करने का इच्छुक भी नहीं दिख रहा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने माना है कि इन दिनों भारत और रूस के रिश्ते (India Russia Relation) निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।भारत यूक्रेन युद्ध के बाद ही रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीद रहा है और हो सकता है कि आने वाले दिनों में रूस तेल की सप्लाई बंद कर दे।यूरेनियशन टाइम्स में सैन्य विशेषज्ञ और इंडियन एयरफोर्स के रिटायर्ड वेटरेन पायलट विजेंद्र के ठाकुर ने लिखा है कि एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की सप्लाई भी ठप पड़ी हुई है।ऐसे में आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता।

भारत के पास क्या है विकल्प?

दरअसल, रूस से निर्यात न होने की वजह से भारतीय बैंकों में रूसी बैंक वोस्ट्रो खातों में भुगतान रूस के किसी काम का नहीं है. ऐसे में भारत के पास यही विकल्प बचता है कि वो रूस के साथ निर्यात बढ़ाए।वहीं, एक समस्या ये भी है कि रूस एक संसाधन संपन्न देश है, इसलिए भारत के पास रूस को चीजों का निर्यात करने का विकल्प भी नहीं बचता है। रूस के साथ भारत के गहरे रक्षा संबंध हैं।यही संबंध दशकों से भारत को अच्छी स्थिति में खड़ा कर रहे हैं लेकिन कुछ सालों से अमेरिकी कानून CAATSA प्रतिबंधों की वजह से खतरे में पड़ गए हैं।

व्यापार रूबल में हो या रुपये में?

इसके अलावा एक संकट ये भी सामने आया है कि दोनों देशों के बीच व्यापार किस मुद्रा में हो, रूसी करेंसी रूबल या भारतीय करेंसी रुपया।इसी की वजह से रूस ने एस-400 रेजिमेंट की आपूर्ति भी रोक दी है।क्योंकि उसके पास इसका पर्याप्त भंडार नहीं है. हालांकि तेल सप्लाई को लेकर ऐसी समस्या नहीं दिख रही क्योंकि रूस के पास इसका पर्याप्त भंडार है।

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