World Aids Day

1 दिसंबर को मनाए जाने वाले एड्स दिवस (World Aids Day) का इतिहास और महत्व जानिए

हर साल 1 दिसंबर को दुनियाभर में विश्‍व एड्स दिवस (World Aids Day) मनाया जाता है. ये एक ऐसी बीमारी है, जिसे पूरी तरह से ठीक करने के लिए अब तक कोई दवा नहीं बनी. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में विश्व स्तर पर करीब 6,50,000 लोगों की मृत्यु एचआईवी के कारण हुई थी. वहीं भारत सरकार के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में करीब 42 हजार लोगों की मौत एड्स संबंधित बीमारियों के कारण हुई. ऐसे में दुनियाभर के लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करना बहुत जरूरी है. इसी उद्देश्‍य के साथ हर साल विश्‍व एड्स दिवस मनाया जाता है।

आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी खास बातें

वैश्विक स्‍तर पर विश्‍व एड्स दिवस को मनाने की शुरुआत WHO ने 1988 में हुई थी. उस समय के अनुमान के मुताबिक करीब 90,000 से 1,50,000 व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव थे. विश्‍व एड्स दिवस, ग्‍लोबल हेल्‍थ के तौर पर मनाया जाने वाला पहला इंटरनेशनल डे था.1996 तक WHO ने विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2022) को लेकर सालाना कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया. उसके बाद संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएन एड्स ने इन जिम्मेदारियों को अपने हाथों में ले लिया. हर साल इस दिन यूनाइटेड नेशंस की एजेंसियां, सरकारें और लोग एचआईवी से जुड़ी खास थीम पर अभियान चलाने के लिए साथ जुड़ते हैं और लोगों को इस बीमारी के लिए जागरुक करते हैं.
विश्‍व एड्स दिवस की थीम

हर साल इस दिन की थीम निर्धारित की जाती है. इस बार विश्व एड्स दिवस की थीम (World AIDS Day theme 2022) इक्विलाइज़ (Equalize) समानता रखी गई है. ताकि समाज में फैली असमानताओं को दूर करके एड्स को जड़ से खत्‍म करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा सके. ये दिन हर उस व्‍यक्ति को याद करने और उन्‍हें श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिसने इस घातक बीमारी के कारण अपनी जान गंवाई है।

जानिए इतिहास के बारे में

प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. इसके बाद साल 1996 में HIV/AIDS पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया।

क्‍या है इस दिन का महत्‍व

हर साल 1 दिसंबर को विश्‍व एड्स दिवस के रूप में मनाकर लोगों को और सरकार को ये याद दिलाने का प्रयास किया जाता है कि एड्स जैसी जानलेवा बीमारी अभी भी खत्‍म नहीं हुई है. ये एक गंभीर समस्‍या है और इसे जड़ से समाप्‍त करने के लिए मिलजुलकर प्रयास करने की जरूरत है. साथ ही इस रोग से ग्रसित लोगों के लिए धन जुटाने और उनके लिए बेहतर अवसरों को पैदा करने की जरूरत है।

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