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UFO: 27 साल की स्‍टडी के बाद रिसर्चर ने दिया सबूत! बताया कहां क्रैश हुआ था दुनिया का पहला यूएफओ

एलियंस (Aliens) ऐसा विषय है, जिसने वर्षों से दुनियाभर के एक्‍सपर्ट को बहस में उलझाया है। एलियंस हैं या नहीं? इसी सवाल पर सबसे ज्‍यादा विवाद है। दुनिया का सबसे पावरफुल देश अमेरिका भी एलियंस की मौजूदगी की पुष्टि नहीं करता है। इसके बावजूद कई रहस्‍य अनसुलझे हैं। अब एक रिसर्चर ने कहा है कि उसके पास दुनिया के पहले ‘UFO क्रैश’ का सबूत है। यूएफओ (UFO)यानी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्‍जेक्‍ट। रिसर्चर रॉबर्टो पिनोटी (Roberto Pinotti) का दावा है कि एलियंस सबसे पहले अमेरिका नहीं, इटली पहुंचे थे।

रॉबर्टो पिनोटी 1930 के दशक में इटली में हुए कथित ‘UFO क्रैश’ पर शोध कर रहे हैं। वह 1996 से इस शोध को कर रहे हैं और इस बारे में डेली मेल से बात की है। रॉबर्टो की रिसर्च में कुछ खास प्रगति तब तक नहीं हुई थी, जब तक उन्‍हें कुछ विचित्र डॉक्‍युमेंट्स नहीं मिले थे। डॉक्‍युमेंट्स उन्‍हें किसी गुमनाम शख्‍स ने भेजे थे। उनसे पता चला है कि इटली में हुए ‘यूएफओ क्रैश’ को दुनिया से छुपाने की कोशिश की गई थी।

Roberto पिनोटी का दावा है कि उनके पास साल 1933 की घटना के अहम सबूत हैं

रॉबर्टो पिनोटी का दावा है कि उनके पास साल 1933 की घटना के अहम सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि वह UFO क्रैश था। पिनोटी यह भी दावा करते हैं कि बेनिटो मुसोलिनी (Benito Mussolini) ने एक सीक्रेट डिपार्टमेंट बनाया था, जिसका काम कथित UFO को स्‍टडी करना था।

Pinotti ने जो जानकारियां शेयर की हैं उनके मुताबिक UFO इटली में मिलान के पास क्रैश हुआ था। मामले की तहकीकात करने वाले ग्रुप को आरएस/33 कहा जाता था। ग्रुप को गुग्लिल्मो मार्कोनी लीड कर रहा था, जो मुसोलिनी का खास आदमी था।

पिनोटी के मुताबिक, उन्‍होंने अपने एक साथी के साथ रिसर्च शुरू की थी। उन्‍हें मामले से जुड़े कुछ सीक्रेट डॉक्‍युमेंट्स मिले। डॉक्‍युमेंट्स देने वाले शख्‍स का दावा था कि उन्‍हें वह परिवार से विरासत में मिले हैं। शख्‍स ने यह भी दावा किया कि उनके परिवार का सदस्‍य आरएस/33 नाम के ग्रुप के लिए काम करता था।

Pinotti का दावा है कि क्रैश हुए UFO को मिलान में ही सीक्रेट जगह पर रखा गया था

पिनोटी का दावा है कि क्रैश हुए यूएफओ को मिलान में ही सीक्रेट जगह पर रखा गया था। सेकंड वर्ल्‍ड वॉर के दौरान अमेरिकी सैनिकों ने उसे कब्‍जे में ले लिया और अपने साथ ले गए। जिन डॉक्‍युमेंट्स के आधार पर UFO का दावा किया जा रहा है, वह 1933 के जून महीने में लिखे गए 2 टेलिग्राम थे। उन टेलिग्राम में एक अज्ञात विमान की कथित लैंडिंग की बात है और मामले में चुप्‍पी रखने को कहा गया था। यही नहीं, इस मामले पर रिपोर्ट करने वालों की फौरन गिरफ्तारी की बात भी टेलिग्राम में लिखी गई थी।

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