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UN estimates: 2050 तक हर पांचवां भारतीय होगा बुजुर्ग; तीन दशक तक बढ़ेगी आबादी, फिर होगी गिरावट

भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों (UN estimates) के मुताबिक देश की आबादी अगले तीन दशकों तक बढ़ने की उम्मीद है, जिसके बाद इसमें गिरावट शुरू हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत 142.86 करोड़ लोगों के साथ दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है।

चीन अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आबादी वाला देश

संयुक्त राष्ट्र (UN) के वर्ल्ड पॉपुलेशन डैशबोर्ड से पता चला है कि चीन की आबादी अब 142.57 करोड़ है, इस प्रकार अब यह दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत ने प्रजनन क्षमता के प्रतिस्थापन स्तर को हासिल कर लिया है। हालांकि, गति पकड़ने के कारण जनसंख्या बढ़ेगी। प्रतिस्थापन स्तर प्रजनन क्षमता, प्रजनन का स्तर है जिस पर एक आबादी वास्तव में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक खुद को बदल देती है।

तीन दशक तक बढ़ेगी आबादी, फिर दिखेगी गिरावट

संयुक्त राष्ट्र (UN) के विश्लेषण में कहा गया है कि अगले तीन दशकों तक भारत की आबादी बढ़ने की उम्मीद है जिसके बाद इसमें गिरावट शुरू हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के ‘वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट्स-2022’ के अनुसार, 2050 तक भारत की जनसंख्या बढ़कर 166.8 करोड़ होने की उम्मीद है, जबकि चीन की आबादी घटकर 131.7 करोड़ हो जाएगी।

2050 तक बुजुर्ग होगा हर पांचवां भारतीय

यूएनएफपीए के मुताबिक, बुजुर्ग आबादी का आकार (बड़े पैमाने पर दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में) 2030 तक लगभग दोगुना होकर 192 मिलियन तक पहुंच जाएगा।यूएनएफपीए ने कहा, 2050 तक हर पांचवां भारतीय बुजुर्ग होगा, इसलिए सभी का बराबर ध्यान रखने के लिए योजना बनाने की आवश्यकता होगी। बुजुर्गों के स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता होगी। भारत की जनसंख्या जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती है। संयुक्त राष्ट्र (UN) के विश्लेषण से पता चला है कि केरल और पंजाब में बुजुर्ग आबादी है जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश में युवा आबादी है।

नई सोच और स्थायी समाधान का स्रोत हो सकते हैं युवा

यूएनएफपीए के लिए भारत की प्रतिनिधि और भूटान की कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया वोजनर ने कहा, भारत की 1.4 अरब आबादी को 1.4 अरब अवसरों के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, सबसे बड़े युवा समूह वाला देश (15-24 आयु वर्ग के 254.15 मिलियन युवा) नवाचार, नई सोच और स्थायी समाधान का स्रोत हो सकते हैं। उन्होंने कहा, अगर महिलाओं और लड़कियों को समान शैक्षिक व कौशल निर्माण के अवसरों, प्रौद्योगिकी और डिजिटल नवाचारों तक पहुंच और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अपने प्रजनन अधिकारों और विकल्पों का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए सूचना और शक्ति से लैस किया जाए, तो यह प्रक्षेपवक्र आगे बढ़ सकता है।

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