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ये सब फर्जी है! KlugKlug की रिपोर्ट में दावा- 3 में से 2 भारतीयों के इंस्टाग्राम फॉलोअर्स फेक हैं

भारत की इंफ्लुएंसर मार्केटिंग इंडस्‍ट्री करीब 1800 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की है, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि तमाम इंफ्लुएंसर में से कुछ के पास ही असली फॉलोअर हैं? जी हां, इंफ्लुएंसर मार्केटिंग प्‍लैटफॉर्म KlugKlug की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में भारत में हर तीन में से दो, यानी करीब 58.5% इंस्‍टाग्राम प्रोफाइल के 60% से ज्‍यादा फॉलोअर फर्जी हैं। इंफ्लुएंसर अपनी पहुंच बढ़ाने और ब्रांड को अट्रैक्ट करने के लिए पैसे देकर फेक फॉलोअर खरीदते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, फर्जी फॉलोअर बढ़ाने का ट्रेंड सबसे ज्‍यादा ब्‍यूटी और फैशन इंडस्‍ट्री में दिख रहा है। इस इंडस्ट्री से जुड़े ब्रांड मशहूर इंफ्लुएंसर से टाइअप कर उन्‍हें अपने ब्रांड के कैम्‍पेन का हिस्‍सा बनाते हैं मगर वे भी नहीं जानते कि फेक फॉलोअर की वजह से उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 80 लाख ऑडिटेड प्रोफाइल में से सिर्फ 24.8 लाख प्रोफाइल के ही सही

कैसे बनते हैं फेक फॉलोअर?

KlugKlug के को-फाउंडर कल्‍याण कुमार कहते हैं कि अभी भारत नकली फॉलोअर का सबसे बड़ा खरीदार भी है और विक्रेता भी। फर्जी फॉलोअर का बड़े पैमाने पर यह खेल भारत के साथ ही ब्राजील और इंडोनेशिया में भी खूब चल रहा है। सिंथेटिक फॉलोअर के एक्सपोर्टर रूस और तुर्किये भी बने हुए हैं। ये ऐसे फॉलोअर होते हैं जो AI या दूसरे तरीकों से तैयार किए जाते हैं। ऐसे प्रोफाइल वास्तविक फॉलोअर के रूप में बेचे जाते हैं। मिडिल ईस्‍ट में भी नकली फॉलोअर का काम खूब चल रहा है।

चंद रुपये में ढेर सारे फॉलोअर

रिपोर्ट के मुताबिक, एक हजार फेक फॉलोअर खरीदने के लिए 8 से 10 रुपये ही खर्च करने होते हैं। इंस्टाग्राम पर कभी-कभी एक हजार फॉलोअर के लिए 50 रुपये भी वसूले जा सकते हैं। भारत में प्रभावशाली लोग धड़ल्ले से फेक फॉलोअर खरीद रहे हैं। अब तो कम प्रभावशाली लोगों ने भी फेक फॉलोअर खरीदना शुरू कर दिया है, जिससे इसका कारोबार और बढ़ रहा है।

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