Matsyasana Yoga has many benefits from respiratory problems to body detox

श्वसन समस्याओं से लेकर बॉडी डिटॉक्स तक Matsyasana Yoga के हैं कई लाभ, जानिए इसका तरीका और सावधानियां

योगासनों के शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत से संबंधित लाभ देखे गए हैं। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अगर दिनचर्या में योग के अभ्यास को शामिल कर लिया जाए तो यह आपको कई प्रकार की बीमारियों के जोखिम से बचाने में मददगार हो सकता है। योगसनों के अभ्यास की श्रृंखला में मत्स्यासन योग (Matsyasana Yoga) आपके लिए बहुत लाभकारी माना जा सकता है। मत्स्यासन या फिश पोज श्वसन समस्याओं से लेकर बॉडी डिटॉक्स तक में फायदेमंद पाया गया है।

योग विशेषज्ञ कहते हैं, किसी भी योग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उसका नियमित रूप से सही तरीके से अभ्यास किया जाना आवश्यक है। फिश पोज के लिए आपको विशेष एकाग्रता और अभ्यास की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि यह अभ्यास किस तरह से किया जाता है और इससे शरीर को क्या लाभ हो सकते हैं?

Matsyasana Yoga कैसे किया जाता है?

मत्स्यासन योग (Matsyasana Yoga) के दौरान शरीर की स्थिति मछली के आकार की बनानी होती है, यह फेफड़ों की स्ट्रेचिंग के लिए सबसे प्रभावी अभ्यासों में से एक है। योग विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु के लोग इस योग को करके लाभ पा सकते हैं।

फिश पोज योग का अभ्यास करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को पद्मासन की मुद्रा में लेकर आएं। जांघें और घुटने फर्श पर रखते हुए सांस खींचते हुए सीने को ऊपर की तरफ उठाएं। सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन पर ही रखें। कुछ समय तक इस स्थिति में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।

फिश पोज योग से क्या लाभ हैं?

मत्स्यासन योग (Matsyasana Yoga) उन योगाभ्यासों में से है जिसके शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत से संबंधित लाभ देखे गए हैं। श्वसन विकारों में लाभ प्राप्त करने के लिए इस योग को सबसे प्रभावी अभ्यास के तौर पर जाना जाता है।
सांस की समस्या वाले लोगों, अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मत्स्यासन से फायदा मिलता है।
महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी लाभ के लिए भी यह अभ्यास प्रभावी है। प्रजनन विकारों को इस अभ्यास से ठीक किया जा सकता है।
शारीरिक मुद्रा में सुधार करता है।
गर्दन और एब्स को मजबूत बनाता है।
तनाव दूर करता है, मन को शांति देने वाला अभ्यास है।
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है।
शरीर को डिटॉक्स करता है।
पेट की चर्बी कम करता है।

मत्स्यासन योग (Matsyasana Yoga) के दौरान सावधानी

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ स्थितियों में Matsyasana Yoga के अभ्यास को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप या अनिद्रा से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। घुटने की चोट या फिर स्लिप डिस्क की समस्या भी इस योग के अभ्यास से बढ़ सकती है, ऐसे में इस योग को दिनचर्या में शामिल करने से पहले योग विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।

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