Psoriasis

दिल की सेहत भी बिगाड़ सकता है Psoriasis, ये लक्षण दिखते ही जाएं डॉक्टर के पास

सोरायसिस (Psoriasis) स्किन से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जो गंभीर परेशानी पैदा कर सकती है. कई बार ट्रेडिशनल दवाइयों के ज्यादा सेवन से स्किन पूरी तरह खराब हो जाती है और उसका इलाज मुश्किल हो जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन मेडिसिन में स्टेरॉयड का ज्यादा इस्तेमाल होता है। पिछले कुछ सालों से सोरायसिस (Psoriasis) के केस में इजाफा हुआ है. दिल्ली एम्स में के पॉलीक्लिनिक में ही 2017 से 2021 तक इसके 3,000 मामले आए हैं. वो भी तब जब यह क्लिनिक सप्ताह में सिर्फ एक बार लगती है।ओपीडी में भी इस समस्या के मरीजों की संख्या बढ़ी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोरायसिस के मरीजों पर डिप्रेशन और एंग्जाइटी भी हावी हो सकता है। हालांकि, इसको लेकर अभी रिसर्च चल रहा है। सर्दियां आने पर सोरायसिस की समस्या बढ़ जाती है।अकेले भारत में ही इससे करीब 1 करोड़ लोग परेशान हैं।

इन लक्षणों को न करें इग्रोर

डॉक्टर के मुताबिक, Psoriasis का कोई एक कारण नहीं होता है। यह एक क्रॉनिक स्किन डिजीज है, इसलिए इसका इलाज भी काफी लंबा चलता है। इसका असर बॉडी के किसी भी पार्ट पर हो सकता है। शरीर पर लाल रंग के पैचेज नजर आते हैं। ऐसे में अगर शरीर पर लाल पैचेज लंबे समय से दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर उन्हें दिखाना चाहिए। क्योंकि इसकी पहचान आसानी से नहीं की जा सकती है। एक बात और इस दौरान किसी दवा, क्रीम का इस्तेमाल गलती से भी नहीं करना चाहिए।

क्या जेनेटिक बीमारी है सोरायसिस (Psoriasis)

डॉक्टर बताते हैं कि फैमिली हिस्ट्री यानी जेनेटिक कारणों से भी सोरायसिस हो सकता है। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। कहा जाता है कि अगर घर के किसी सदस्य को यह बीमारी है तो दूसरे को होने का रिस्क भी ज्यादा रहता है। हालांकि, बहुत से एक्सपर्ट्स इसे जेनेटिक बीमारी मानने से इनकार करते हैं. सोरायसिस का इलाज संभव है। इसके ज्यादातर केस 20 से 30 साल तक के लोगों में देखने को मिलता है।

सोरायसिस को लेकर ध्यान दें

डॉक्टरों का कहना है कि अगर लिवर ठीक रहे तो सोरायसिस की समस्या से बचा जा सकता है. शराब-सिगरेट पीने वालों और मोटे लोगों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इस बीमारी के कई इलाज मौजूद हैं।इनमें एक धूप की थेरेपी भी है। जिसमें धूप दिखाने से इस बीमारी के ठीक होने की बाद कही जाती है। अभी इसको लेकर कई तरह के रिसर्च भी किए जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *