Chandrayaan-3

Chandrayaan-3’ के बाद ‘मंगलयान’ ने दिखाया दम! ‘लाल ग्रह’ के सबसे बड़े चांद को किया ‘कैद’, देखे

Chandrayaan-3 मिशन ने अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का सीना चौड़ा किया है! यह मिशन चांद पर अपने अभियानों को पूरा कर रहा है। गर्व का एक और मौका दिया है मंगलयान (Mangalyaan) मिशन ने। मंगलयान जिसे साल 2013 में लॉन्‍च किया गया था, उस स्‍पेसक्राफ्ट ने मंगल ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा फोबोस (Phobos) को तस्‍वीरों में कैद किया है। एंड्रिया लक नाम के एक ऑब्‍जर्वर इससे जुड़ा वीडियो शेयर करके ध्‍यान खींचा है।

*मंगल ग्रह के 2 चंद्रमा *

गौरतलब है कि मंगल ग्रह के 2 चंद्रमा हैं। इनके नाम फोबोस और डेमोस हैं। आकार में फोबोस बड़ा है और वैज्ञानिक समुदाय की दिलचस्‍पी का केंद्र भी है। भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम-1) ने भी मंगल और उसके चंद्रमाओं की तस्‍वीरें खींचकर लाल ग्रह से संबंधित खोज में अपना योगदान दिया है।

मंगलयान मिशन का मकसद मंगल की सतह, उसकी संरचना को परखना है

मंगलयान मिशन का मकसद मंगल की सतह, उसकी संरचना को परखना है। यह जानना भी है कि लाल ग्रह का वायुमंडल कैसा है। भारत के लिए यह मिशन महत्‍वपूर्ण रहा है, क्‍योंकि हमारा लक्ष्‍य भी आने वाले वर्षों में मंगल पर अपने मिशन को लैंड कराना है। भारत दुनिया का अकेला देश है, जिसने बेहद कम लागत में मंगल पर मिशन भेजा है और पहले प्रयास में ही कामयाबी हासिल की है।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक

फोबोस को तस्‍वीरों में कैद करना अहम है। कई वैज्ञानिकों को लगता है कि फोबोस के बारे में ज्‍यादा से ज्‍यादा जानकारी जुटाकर उन्‍हें मंगल ग्रह के इतिहास और उसके निर्माण पर जानकारी हासिल होगी। स्‍पेस एजेंसियों ने फोबोस पर भी मिशन लॉन्‍च किए हैं। टीओआई के अनुसार, रूस का फोबोस ग्रंट मिशन साल 2011 में लॉन्‍च हुआ था। वह फोबोस पर मिट्टी के सैंपल लेने गया था और पृथ्‍वी पर लौटने वाला था। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया। पृथ्‍वी की कक्षा में पहुंचने से पहले ही रूसी मिशन फेल हो गया।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी मंगल ग्रह पर कई मिशन भेजे हैं, लेकिन फोबोस के बारे में किसी को भी बहुत ज्‍यादा जानकारी नहीं है।

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