Why Sachin Pilot's dam of patience is breaking

Rajasthan Politics: Sachin Pilot का क्यों टूट रहा स​ब्र का बांध? समझिए पूरा सियासी गेम

राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।इस बीच Sachin Pilot के सब्र का बांध टूटता दिखाई दे रहा है।उन्होंने सीएम गहलोत के समर्थक विधायकों पर कार्रवाई में देरी पर सवाल उठाए हैं।उन्हें लगता है कि कांग्रेस आलाकमान पार्टी से जुड़े मुद्दों लेकर देरी कर रहा है।पायलट का ये बयान ऐसे समय में आया है जब गहलोत सरकार अपना बजट पेश कर चुकी है और प्रदेश अब चुनाव की तरफ बढ़ रहा है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, “कांग्रेस प्रमुख, अनुशासनात्मक समिति तत्कालीन पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के खिलाफ खुली अवहेलना के संबंध में निर्णय में ‘विलंब’ का सबसे अच्छा जवाब दे सकते हैं।अनुशासन और पार्टी के रुख का अनुपालन सभी के लिए समान है, व्यक्ति बड़ा हो या छोटा।

‘कार्रवाई में देरी क्यों’

अपने इंटरव्यू के दौरान सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आक्रामक तरीके से प्रचार कर रहे हैं. राजस्थान पर फैसला जल्द किया जाना चाहिए ताकि चुनाव के लिए कांग्रेस को तैयार किया जा सके।पायलट ने कहा कि पिछले साल विधायक दल की बैठक उस वक्त की कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के कहने पर बुलाई गई थी. बैठक में जो भी होता ये अलग बात है लेकिन बैठक होने ही नहीं दी गई. ऐसे में बैठक नहीं होना पार्टी के निर्देश की अवहेलना थी।फिर भी उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में देरी हो रही है।

पार्टी को दिया संदेश

Sachin Pilot ने ये बयान ऐसे ही नहीं दिया है, इस बयान के जरिए उन्होंने पार्टी को अपना रुख साफ कर दिया है कि अगर पार्टी आलाकमान राजस्थान कांग्रेस के मुद्दे को और तूल देता है तो पार्टी को आने वाले चुनाव में नुकसान का सामना कर पड़ सकता है।इसके अलावा उन्होंने अपने इस बयान से विरोधियों को भी चेतावनी दे दी है।यही नहीं पायलट ने बयान से ये भी संदेश देना चाहते हैं कि अगर पार्टी आलाकमान राजस्थान में कांग्रेस से जुड़े मुद्दों को जल्द हल नहीं करता है वे दूसरे फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

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