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वॉशिंगटन, आइजनहावर और कैनेडी… NASA ने तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बालों को चंद्रमा पर क्यों भेजा

यूनाइटेड लॉन्च एलायंस (ULA) ने सोमवार को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर को ले जाने वाले वल्कन सेंटूर रॉकेट को लॉन्च किया। इसे अमेरिकी स्पेस मिशन में मील का पत्थर माना जा रहा है। अगर यह अभियान सफल रहता है तो 1972 में अपोलो मिशन के बाद 50 वर्षों में अमेरिका की पहली मून लैंडिंग हो सकती है। यह किसी भी निजी कंपनी की चंद्रमा पर पहली लैंडिंग भी होगी। पेरेग्रीन का मिशन न केवल वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान में एक मील का पत्थर है, बल्कि अंतरिक्ष की खोज में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

23 फरवरी को चंद्रमा पर उतरेगा लैंडर

रिपोर्ट के अनुसार, रेग्रीन 1 लूनर लैंडर 23 फरवरी को चंद्रमा की तरह पर उतरेगा। लैंडर मेक्सिको से छोटे रोबोट जैसे वैज्ञानिक पेलोड और चंद्रमा की सतह के बारे में मूल्यवान डेटा एकत्र करने के उद्देश्य से एक फिजिकल बिटकॉइन भी ले जा रहा है। यह लैंडर 200 से अधिक लोगों के अंतिम संस्कार के अवशेष और डीएनए भी लेकर जा रहा है, जिसमें कथित तौर पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों जॉर्ज वॉशिंगटन, ड्वाइट आइजनहावर और जॉन एफ कैनेडी के बाल भी शामिल हैं।

किन-किन लोगों के अवशेष चंद्रमा पर भेजे गए

इसके अलावा, दो कंपनियां, सेलेस्टिस और एलीसियम स्पेस, पेरेग्रीन पर स्पेस मेमोरियल मिशन शुरू कर रही हैं। इसमें प्रसिद्ध साइंस फिक्शन ऑथर आर्थर सी क्लार्क का डीएनए, साथ ही स्टार ट्रेक के निर्माता, जीन रोडडेनबेरी और निकेल निकोल्स सहित इसके कलाकारों के कई सदस्यों की अंतिम संस्कार की राख शामिल है

अमेरिका के सबसे बड़ी जनजाति ने जताई आपत्ति

अमेरिका की सबसे बड़ी स्वदेशी जनजाति नाराजेवो नेशन ने लैंडर में मानव अवशेषों की उपस्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस मिशन से चंद्रमा के अपवित्र होने का खतरा है। उनकी संस्कृति में चंद्रमा को काफी पवित्र माना जाता है। वल्कन सेंटौर का सफल प्रक्षेपण अमेरिका के प्राइवेट स्पेस कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है। अमेरिका तेजी से प्राइवेट कंपनियों को आगे बढ़ा रहा है।

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